- योगी आदित्यनाथ हर घर तक नल का जल योजना की बुंदेलखंड से करेंगे शुरुआत
- 2022 तक बुंदेलखंड के सभी घरों में पीने का पानी पहुंचाने का लक्ष्य
- केंद्र सरकार की योजना को राज्यों को क्रियान्वित करना है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश देश के बड़े सूबों में से एक है और यहां हर एक इलाके की परेशानी दूसरे इलाके से अलग है। यूपी को मोटे तौर पर पूर्वांचल, सेंट्रल यूपी, पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड के तौर पर जाना जाता है। बुंदेलखंड में अलग अलग तरह की दिक्कते हैं। लेकिन पीने के पानी की समस्या ज्यादा है। इस दिक्कत को दूर करने के लिए या यूं कहें कि प्यास बुझाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ मंगलवार को हर घर, हर नल योजना की शुरुआत करेंगे। इस योजना में बुंदेलखंड इलाके में हर घर में 2022 तक नल देने की योजना बनाई गई है।
केंद्र की परियोजना है हर घर नल का जल
हर घर नल का जल केंद्र सरकार की योजना है जिसका क्रियान्वयन राज्यों को करना है उसी दिशा में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बुंदेलखंड इस योजना को शुरू करेंगे। बुंदेलखंड, विंध्याचल, इंसेफ्लाइटिस प्रभावित इलाकों के साथ साथ वैसे इलाके जो आर्सेनिक एवं फ्लोराइड युक्त पानी से प्रभावित हैं वहां इसे शुरू किया जाना है। लेकिन इसकी शुरुआत बुंदेलखंड से शुरू की जाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी साफ कर दिया है कि बुंदेलखंड में कोई भी प्यासा न रहे।
10 हजार 131 करोड़ का बजट
हर घर तक नल का जल परियोजना पर कुल 10 हजार 131 करोड़ का बजट खर्च किया जा रहा है। पहले चरण में यूपी के बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के लिए 2185 करोड़ की परियोजना की शुरूआत होगी। इसके तहत महोबा, ललितपुर और झांसी की 14 लाख की आबादी तक नल का जल पहुंचेगा। सतह पर पानी और भूमिग पानी का दोहन कर आम लोगों को नल के माध्यम से इसे पहुंचाया जाएगा। सरकार की योजना है कि 2 साल के अंदर पहले बुंदेलखड और फिर विंध्यांचल के हर घर तक पानी को पहुंचाया जा सके।