- कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच यूपी सरकार ने लिया बड़ा फैसला
- राजधानी दिल्ली की तर्ज पर अब यूपी में भी कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था
- कुछ दिन पहले ही योगी ने अधिकारियों को इसके प्रोटोकॉल को लेकर दिए थे दिशा-निर्देश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए अब होम क्वारंटीन/ होम आइसोलेशन की व्यवस्था की है। सरकार के इस निमय के बाद अब कोरोना के उन मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी जिन्हें अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहे थे। अब कोरोना के मरीज घर से ही अपना इलाज करा सकेंगे।
माइल्ड लक्षण वालों के लिए होम आइसोलेशन
होम आइसोलेशन को मंजूरी देने के साथ ही सीएम ने माइल्ड लक्षण वालों को होम आइसोलेशन करने के आदेश दिए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बड़ी संख्या में कोविड 19 के लक्षणरहित संक्रमित रलोग बीमारी को छुपा रहे हैं। जिससे संक्रमण बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार एक निर्धारित प्रोटोकॉल के अधीन शर्तों के साथ होम आइसोलेशन की आनुमति देगी। रोगी और उसके परिवार को होम आइसोलेशन की अनुमति देगी। रोगी और उसके परिवार को होम आइसोलेशन के प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी होगा।' हालांकि राज्य सरकार के पास बड़ी संख्या में बेड्स उपलब्ध हैं।
टेस्टिंग में लगातार बढ़ोत्तरी
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में लगातार टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ रही है। कल यानि रविवार को पूरे प्रदेश में 43401 टेस्ट किए। टेस्ट बढ़ने के साथ ही कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। इससे पहले रविवार को हुई बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोविड से संक्रमित व्यक्ति को होम आइसोलेशन में रखने पर विचार करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) तैयार की जाए।
योगी ने दिए दिशा निर्देश
अपने आवास पर आयोजित कोविड 19 की एक समीक्षा बैठक के दौरान सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इसे लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाए। सीएम योगी ने कहा कि लोगौों को आरोग्य सेतु ऐप तथा आयुष कवच कोविड ऐप को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित भी किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि संदिग्ध पाए गए व्यक्तियों की रैपिड एन्टीजन टेस्ट द्वारा जांच की जाए।