- पांच अगस्त को अयोध्या में होना है राम मंदिर का शिलान्यास
- भूमि पूजन के बाद पीएम मोदी रखेंगे मंदिर की आधारशिला
- सपा के प्रवक्ता ने जताई पीएम मोदी द्वारा शिलान्यास पर आपत्ति
अयोध्या नगरी में बनने वाले भगवान राम के भव्य मंदिर के शिलान्यास को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से तारीख का ऐलान हो गया है। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन कर शिलान्यास करेंगे। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत राजनाथ सिंह और अन्य केंद्रीय मंत्री भी शामिल रहेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को भी आमंत्रित किया है। यह पूरा कार्यक्रम सोशल डिस्टेंसिंग के तहत किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक 5 अगस्त को सुबह 11 बजे से डेढ़ के बीच यह पूरा कार्यक्रम किया जाएगा।
इस घोषणा से सोशल मीडिया पर जहां रामभक्त खुशी मना रहे हैं, वहीं समाजवादी पार्टी ने इस मामले में भी राजनीति कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शिलान्यास किए जाने पर किसी राजनैतिक दल का बयान नहीं आया लेकिन समाजवादी पार्टी ने इस पर आपत्ति जताकर अपनी किरकिरी करा ली। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व राज्यमंत्री आईपी सिंह ने एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा- राम मंदिर का शिलान्यास किसी सिद्ध पुरुष द्वारा किया जाना चाहिए, राम मंदिर सनातन सभ्यता का सबसे बड़ा प्रतीक है, भाजपा का कोई संस्थान नहीं है कि मोदी उसका शिलान्यास करेंगे।
आईपी सिंह पहले तो अपने इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर घिर गए। यूजर्स ने उनकी जमकर खिंचाई कर डाली, उसके बाद बीजेपी ने उन पर निशाना साध लिया। यूपी बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने उन्हें करारा जवाब देते हुए ट्वीट किया- हे बाबर के अनुगामी इंद्रपाल! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य राम मंदिर की आधार शिला रखेंगे। वह देश के पीएम हैं। आप और आपके ट्विटर पर विचरण करने वाले नेता इसके खिलाफ नहीं बोलेंगे तो वोट बैंक संतुष्ट कैसे होगा?
सोशल मीडिया पर हुई सपा की किरकिरी
इस ट्वीट के बाद समाजवादी पार्टी को सोशल मीडिया पर भी विरोध झेलना पड़ा। रीना सिंह ने लिख- हर देशद्रोही का यहां प्रतिकार होना चाहिए, जितने यहां जयचंद उन पर वार होना चाहिए, होती रहीं हैं आज तक सौहार्द की बातें बहुत, अब शत्रु का रणभूमि में संहार होना चाहिए। वहीं ममता त्रिपाठी ने लिखा- देश का प्रधानमंत्री कोई ऐरा गैरा व्यक्ति नहीं होता है। अगर किसी मंदिर की आधारशिला रख रहा है तो ये ज़ाहिर होता है कि वो जनभावना की कद्र कर रहा है। हर बात में राजनीति ग़लत है। मोदी जी तो मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं।
बता दें कि राम जन्मभूमि न्यास की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 3 अगस्त और 5 अगस्त की तारीखें दी गईं थीं। पीएमओ ने विचार कर 5 अगस्त की तारीख फाइनल कर ली है। इसके बाद राम जन्मभूमि न्यास, उत्तर प्रदेश सरकार और अयोध्या का प्रशासन कार्यक्रम की तैयारियों में जुट गया है। 5 अगस्त को होने वाले इस पूरे कार्यक्रम को लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा ताकि पूरा देश इस पर्व का साक्षी बन सके।