- सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया नवीन रोजगार छतरी योजना का शुभारंभ
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए योजना के लाभार्थियों से की बातचीत
- 3484 लाभार्थियों के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर हुए लाखों रूपये
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को नवीन रोजगार छतरी योजना का शुभांरभ किया। इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि समाज में अगर एक तबका मजबूत हो जाए और एक तबका कमजोर, तो ऐसा समाज कभी भी आत्मनिर्भर समाज नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि समाज में एक संतुलन होना चाहिए। यह संतुलन न केवल सामाजिक स्तर पर बल्कि आर्थिक स्तर पर भी होना चाहिए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना योजना के तहत 3484 लाभार्थियों को ऑन लाइन पैसे ट्रांसफर किए। इस दौरान योगी ने लाभार्थियों से बातचीत की और उनका हाल चाल जाना। मुख्यमंत्री ने सभी लाभार्थियों को कहा कि वो जो भी पैसा ले रहे हैं उसका सद्पयोग करें और उसमें से बचत भी करें। उन्होंने लाभार्थियों से कहा कि अगर उन्हें इसके अलावा कोई दिक्कत होती है उन्हें सूचित करें।
क्या है पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना
दरअसल मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति के गरीब लोगों के विकास और उन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिए इस योजना का शुभारंभ किया औऱ करोड़ों रुपये इस दौरान लाभार्थियों को ट्रांसफर किए गए। 3484 लोगों को लगभग 17.42 करोड़ रुपये की धनराशि ट्रांसफर की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि समजा का हर तबका मजबूत होना चाहिए और सभी को समान अवसर मिलने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक समानता ही सामाजिक समानता का आधार बनती है।
लाभार्थियों को दी शुभकामनाएं
इसके बाद मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा, 'आज 6 जनपदों के लगभग 3,484 लाभार्थियों के साथ सीधा संवाद करने का मुझे अवसर प्राप्त हुआ है। मैं इस बात से प्रसन्न हूं कि अनुसूचित जाति से जुड़े हुए हमारे लाभार्थीगण स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक स्वावलम्बन का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। यह एक बहुत अच्छा प्रयास है। मैं इन सभी लाभार्थियों को हृदय से बधाई देता हूं और इन सबके प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करता हूं।'
आर्थिक समानता को लेकर कही ये बात
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परिस्थितियों में भी हम लोग प्रत्येक व्यक्ति के आर्थिक स्वावलम्बन व आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर सकें, यह प्रयास आज पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया जा रहा है। सीएम योगी ने आगे कहा, 'आर्थिक समानता, सामाजिक समानता का आधार बनती है और अगर अनुसूचित जाति से जुड़े हुए हमारे बंधुगण आर्थिक रूप से समाज की मुख्यधारा से जुड़ जाएंगे तो सामाजिक रूप से उनसे भेदभाव करने का दुस्साहस कोई नहीं कर सकेगा।'