- जीपीओ सिग्नल पर लगे सीसीटीवी में सचिन वझे और मनसुख हिरेन की मुलाकात दर्ज
- एंटीलिया केस से सात दिन पहले हुई थी मुलाकात
- बाद में मनसुख की हत्या हो गई थी
मुंबई। एंटीलिया के सामने विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियों में जांच आहगे बढ़ रही है और एक से बढ़कर एक विस्फोटक खुलासे हो रहे हैं। इस पूरे कांड में मुख्य षड़यंत्रकारी के तौर पर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में तैनात सचिन वझे का नाम सामने आया है। इस समय वो महाराष्ट्र एटीएस की हिरासत में है हालांकि अब इस केस की जांच एनआईए करेगी। क्या मनसुख हिरेन और सचिन वझे के बीच मुलाकात हुई थी। उस रहस्य से पर्दा उठता नजर आ रहा है क्योंकि जीपीओ सिग्नल पर लगे सीसीटीवी में जो तस्वीरें कैद हुई हैं वो कह रही हैं कि एंटीलिया की घटना से सात दिन पहले दोनों आपस में मिले थे।
जीपीओ सिग्नल पर लगे सीसीटीवी में दर्ज है मुलाकात
वीडियो फुटेज से जो जानकारी हासिल हुई है उसके मुताबिक सचिन वझे और मनसुख हिरेन के बीच 17 फरवरी को रात 8.30 बजे सीएसटी के बाहर दोनों मिले थे। मुलाकात के समय ब्लैक कलर की मर्सिडीज कार भी दिखाई दे रही है। दरअसल मनसुख हिरेन ने जो मुकदमा दर्ज कराया था उसके मुताबिक उसकी कार में खराबी आ गई थी और उसे ओला लेना पड़ा था।
अब तक की बड़ी जानकारी
- जीपीओ सिग्नल पर लगे सीसीटीवी में दोनों की मुलाकात दर्ज है।
- 17 फरवरी को सचिव वझे और मनसुख मिले थे
- एंटीलिया के बाहर जिलेटिन रखने वाली तारीख से सात दिन पहले
- सीसीटीवी फुटेज से खुलासा
- मनसुख हिरेन वझे की कार में दाखिल होता है।
हत्या के समय में कार में मौजूद था सचिन वझे
महाराष्ट्र एटीएस ने इससे पहले जानकारी दी थी कि हत्या किए जाने से पहले सचिन वझे ने मनसुख हिरेन को घोड़ाबंदर इलाके में बुलाया था। जिस समय मनसुख हिरेन को कार में मारा गया उस वक्त उसी कार में वझे भी मौजूद था। दरअसल वझे चाहता था कि एंटीलिया के बाहर स्कॉर्पियों में रखे गए जिलेटिन की जिम्मेदारी मनसुख ले। सचिन वझे ने यह वादा किया था की जमानत और दूसरी कानूनी प्रक्रियाओं में उसे बाहर निकालने में मदद करेगा।