- 12 अक्टूबर को मुंबई और सबअर्बन इलाके में बिजली हुई थी बाधित, रेल सेवा भी हुई थी प्रभावित
- पावर ग्रिड फेल होना बड़ी वजह के तौर पर सामने आया
- महाराष्ट्र के बिजली मंत्री नितिन राउत ने कहा कि साजिश ती संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता
मुंबई। 12 अक्टूबर 2020 को मायानगरी मुंबई ठहर गई और उसके पीछे वजह पावर ग्रिड का फेल हो जाना था। तकरीबन पांच से सात घंटे के बाद बिजली सेवा बहाल कर दी गई थी। यह बात अलग है कि लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। खासतौर से कोविड अस्पताल और आईसीयू में भर्ती मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही बॉलीवुड के सेलेब्स की तरफ से ताबड़तोड़ ट्वीट किए गए। लेकिन सवाल यह है कि पावर ग्रिड का फेल होना सामान्य घटना थी या कोई साजिश। अब इस मामले में जांच के लिए सीएम उद्धव ठाकरे ने जांच के निर्देश दिए हैं। बिजली सप्लाई बाधित होने के मामले में महाराष्ट्र पुलिस को सायबर अटैक का अंदेशा लग रहा है।
तकनीकी कमेटी का गठन
महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा कि एक टेक्निकल कमेटी बनाई जा रही है जो साजिश के एंगल को भी देखेगी और यह पता लगाने की कोशिश करेगी कौन इसके लिए जिम्मेदार है, एक हफ्ते के अंदर कमेटी अंतरिम रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर अगर कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पावर कट के पीछे साजिश की संभावना से इनकार नहीं
महाराष्ट्र के बिजली मंत्री नितिन राउत को सामान्य घटना नहीं लगती है। उनके मुताबिक ग्रिड फेल होने के पीछे किसी तरह की साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होने कहा कि ऐसा लग रहा है कि कहीं न कहीं सरकार को बदनाम करने के लिए कुचक्र रचा गया था। बता दें कि बीजेपी ने कहा था कि उद्धव सरकार इस तरह के हालात से निपटने में नाकाम रही है। बीजेपी सांसद किरीट सोमैय्या ने तो मुलुंड अस्पताल के मुद्दे पर और संगीन आरोप लगाए थे।
मुंबई, ठाणे और पुणे पर पड़ा था असर
टाटा पावर कंपनी के ग्रिड फेल होने के कारण चर्चगेट और बोरिविली की सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था। जैसे ही बिजली आपूर्ति बहाल हो जाएगी, इसे फिर से शुरू किया गया। यात्रियों से बार बार अपील की गई थी कि वो घबराए नहीं। 400 केवी लाइन में दिक्कत होने की वजह से संपूर्ण MIDC, पालघर, दहानू लाइनें प्रभावित हुई थी। ईएचवी टीम के अनुसार आपूर्ति बहाल करने में एक घंटे का समय लगेगा। मुंबई ठाणे, में लोगों को काफी दिक्कत आ रही है। ट्रेनें स्टेशनों पर ही रूकी हैं और अस्पतालों में भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सड़कों पर ट्रैफिक सिग्नल भी बंद हो गए थे।