- आचार संहिता लागू होने के पहले पीपीपी मॉडल में खुलने वाले मेडिकल कॉलेजों की तस्वीर साफ हो सकती है।
- इन मेडिकल कॉलेजों में करीब 10 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी। साथ ही करीब 6000 नए बेड उपलब्ध होंगे।
- नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में प्रति एक लाख आबादी पर 13 बेड हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए टेंडर प्रक्रिया जनवरी-फरवरी तक पूरी कर ली जाएगी। सरकार ने इसके लिए तीन फॉर्मूले के आधार पर टेंडर निकाला है। उसकी कोशिश है कि प्रदेश में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए बड़े से बड़े संस्थान सामने आए हैं।चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए पांच नवंबर तक आवेदन मांगे हैं। इन 16 मेडिकल कॉलेज से हर साल 1600 नए डॉक्टर निकलेंगे। जाहिर है सरकार की कोशिश है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के पहले पीपीपी मॉडल में खुलने वाले मेडिकल कॉलेज का रास्ता साफ हो जाय।
तीन फॉर्मूले पर बनेंगे मेडिकल कॉलेज
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कैबिनेट की मुहर लगने के बाद हाल ही में नीति जारी की थी और तीन तरह के विकल्प उपलब्ध कराए है। इसके तहत, निजी क्षेत्र के निवेशक अपनी जमीन या सरकारी जमीन पर मेडिकल कॉलेज खोल सकते हैं। अहम बात यह है कि विभाग ने इन सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जमीन पहले से चिह्नित कर आरक्षित कर ली है। सूत्रों के अनुसार अभी तक एमिटी जैसे संस्थानों ने मेडिकल कॉलेज खोलने में इच्छा जताई है।
हर साल मिलेंगे 1600 नए डॉक्टर
सरकार से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में 16 जिलों में बनने वाले मेडिकल कॉलेजों से हर साल 1600 नए डॉक्टर मिलेंगे। साथ ही इन मेडिकल कॉलेजों में करीब 10 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी। इसके अलावा इन मेडिकल कॉलेजों में लोगों के उपचार के लिए करीब 6000 नए बेड उपलब्ध होंगे। प्रदेश में बागपत, बलिया, भदोही, चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मऊ, रामपुर, संभल, संतकबीरनगर, शामली और श्रावस्ती में सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज नहीं हैं। इसे देखते हुए सरकार ने पीपीपी मॉडल में यहां पर मेडिकल कॉलेज खोलने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश की आबादी और उसके अनुपात स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर नहीं है। नीति आयोग की गाइडलाइन के अनुसार देश में प्रति एक लाख आबादी पर कम से कम 22 बेड होने चाहिए। लेकिन प्रदेश उन राज्यों में आता है। जहां पर अभी यह मानक पूरे नहीं हो पाए हैं। नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में प्रति एक लाख आबादी पर 13 बेड हैं। सबसे खराब स्थिति बिहार की है, जहां पर केवल 6 बेड उपलब्ध हैं। इसी स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार की योजना है कि वह प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलेगी।