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Greater Noida Authority: गोवंशों को पकड़ने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की पहल, गोवंश दिखे तो करें कॉल

Updated Apr 08, 2022 | 17:18 IST

Greater Noida Authority: गोवंशों को पकड़ने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दो टीमें बनाई है। गोवंशों को पकड़ने के लिए खरीदे गए वाहन सुविधायुक्त हैं। गोवंशों को पकड़ने के लिए प्राधिकरण द्वारा नंबर जारी किए गए हैं।

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की गोवंशों को पकड़ने के लिए खास पहल
मुख्य बातें
  • ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लावारिस गोवंशों को पकड़ने के लिए जारी किए नंबर
  • प्राधिकरण की पशुपालकों से अपील, अपने गोवंशों को खुला न छोड़ें
  • पकड़ने के बाद चोटिल गोवंशों का किया जाएगा इलाज

Greater Noida Authority: निराश्रित गोवंशों की देखरेख का जिम्मा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उठाया है। प्राधिकरण ने एक खास पहल की है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लावारिस मवेशियों को पकड़ने के लिए दो नए कैटल वाहन खरीदे हैं। प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण और एसीईओ दीप चंद्र ने इन दोनों वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

ये दोनों कैटल वाहन पहले से अधिक सुविधायुक्त हैं। इनमें हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म लगे हैं, जिससे गोवंशों को वाहन में चढ़ाने में आसानी होगी। ये गोवंशों के लिए पहले से अधिक सुरक्षित भी है। दोनों वाहनों पर दो अलग-अलग टीमें तैनात कर दी गईं हैं।

लावारिस गोवंशों की सूचना के लिए नंबर जारी

प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक सलिल यादव का कहना है कि, अगर किसी व्यक्ति को लावारिस गोवंश दिखें तो दोनों वाहनों के चालकों को सूचना दे सकते हैं। एक वाहन पर तैनात चालक राहुल का मोबाइल नंबर 7503607847 है। और दूसरे वाहन पर तैनात चालक शिव भाटी का मोबाइल नंबर 7503607847 है। ये टीमें मौके पर पहुंच कर उन गोवंशों को पकड़कर गोशालाओं में छोड़ेंगी। अगर चोटिल गोवंश मिले तो, उनका इलाज भी कराया जाएगा। चोटिल गोवंशों के इलाज की भी व्यवस्था की गई है।

गोवंशों के छोड़ते हुए पकड़े जाने पर भारी जुर्माना

पशुपालन कर रहे लोगों से भी प्राधिकरण ने अपील की है कि, वह अपने गोवंशों की इधर उधर ना छोड़े उनकी देखरेख करें। अगर कोई व्यक्ति गोवंशों को निराश्रित बनाकर सड़कों पर छोड़ता पाया गया तो उसके खिलाफ भारी जुर्माना लगाया जाएगा। प्राधिकरण की इस खास पहल से शहर में घूमने वाले गोवंशों से सभी को निजात मिलेगी। गोवंशों को भी गोशाला में स्थान मिलने के साथ-साथ इलाज भी मिल सकेगा। खाने के लिए दर-दर भटकने वाले गोवंश अब गोशाला में उचित चारा खा सकेंगे।  दोनों वाहनों को हरी झंडी दिखाने के दौरान महाप्रबंधक प्रोजेक्ट एके अरोड़ा और डीजीएम केआर वर्मा समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।