- बिहार: राजनीतिक दलों में उम्मीदवारों के चयन और सीट को लेकर चर्चाएं हुईं तेज
- महागठबंधन में कांग्रेस और आरजेडी के बीच शीट शेयरिंग से पहले मनमुटाव की खबरें
- बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल बोले- अगर कुछ मजबूरी हुई तो वे दूसरा विकल्प चुन सकते हैं
पटना: बिहार चुनाव की तैयारियां तेज हो चुकी हैं और तारीखों के ऐलान के बाद से ही विभिन्न राजनीतिक दलों में बैठकों का दौर जारी है। इन सबके बीट एनडीए तथा महागठबंधन दोनों में शीट शेयरिंग का पेंच फंसा हुआ नजर आ रहा है। एनडीए में जहां रामविलास पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी सीटों को लेकर अड़ी हुई हुई है वहीं महागठबंधन में भी सबकुछ ठीक होता हुआ नहीं दिख रहा है। लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं के बयानों से सहयोगी कांग्रेस पार्टी हैरान है। कांग्रेस के बिहार चुनाव प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल ने साफ कर दिया है कि अगर कुछ मजबूरी हुई तो पार्टी दूसरा विकल्प चुन सकती है।
सीट बंटवारे पर होना है फैसला
सीटों के बंटवारे को लेकर आरजेडी नेताओं के बयानों से हैरान शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, 'हम चाहते हैं कि सभी समान विचारधारा वाले दल एक साथ आएं, हालांकि, अगर कोई मजबूरी हुई तो वो दूसरा विकल्प चुन सकते हैं।' रिपोर्ट्स की मानें तो आरजेडी और कांग्रेस अधिक से अधिक 'जीतने वाली सीटों' को लेना चाहते हैं। एएनआई के मुताबिक, आरजेडी 150 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं जबकि सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। 243 सदस्यीय विधानसभा में 20 सीटें लेफ्ट पार्टियों को दी जा सकती हैं।
कांग्रेस की बैठक
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बुधवार को बैठक की जिसमें राजद के साथ सीटों के तालमेल और पार्टी के संभावित उम्मीदवारों को लेकर चर्चा की गई। इस बैठक में कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख अविनाश पांडे एवं सदस्य देवेंद्र यादव, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मदन मोहन झा और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
एनडीए में चिराग पासवान अडे
वहीं सीट शेयरिंग को लेकर एनडीए में अभी तक लोकजनशक्ति पार्टी अड़ी हुई है। लोजपा के कई नेताओं का कहना है कि अगर बातचीत सफल नहीं रहती है तो पार्टी को 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने चाहिए। हालांकि बीजेपी का कहना है कि सीटों के बंटवारे को लेकर कोई मतभेद नहीं हैं तीनों दल (जेडीयू, बीजेपी और लोजपा) साथ मिलकर बिहार चुनाव लड़ेंगे। वहीं बीजेपी कें केद्रीय तथा बिहार नेताओं के बीच तारीखों के ऐलान के बाद पहली बार बैठक हुई है जिसमें सीटों को लेकर बातचीत हुई है।