- बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हैं केवल 19 सीटें
- विधानसभा की 70 सीटों पर लड़ा चुनाव, काफी खराब रहा प्रदर्शन
- महागठबंधन में शामिल भाकपा माले ने कांग्रेस पर उठाया सवाल
नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब कांग्रेस के खिलाफ महागठबंधन के दलों की नाराजगी अब सामने आने लगी है। महागठबंधन में शामिल सीपीआई-एमएल ने कांग्रेस को ज्यादा सीट देने पर सवाल उठाया है। भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बुधवार को कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस को जरूरत से ज्यादा सीटें दी गईं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक पुरानी पार्टी है और राज्य में वह लंबे समय तक सत्ता में रही लेकिन सीटों का बंटवारा पार्टी के मौजूदा प्रभाव को देखते हुए करना चाहिए।
'सही नहीं था 70 सीटों पर चुनाव लड़ना'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को 70 सीटों पर चुनाव लड़ना सही नहीं था। राज्य में भाजपा और आरएसएस का संगठन काफी मजबूत है। इनसे मुकाबला करने के लिए संगठन काफी मजबूत होना चाहिए। बिहार में महागठबंधन को मिली हार के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता माजिद मेनन ने भी कांग्रेस पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस हार के बाद कांग्रेस पार्टी को आत्ममंथन करना चाहिए।
एनसीपी ने भी साधा निशाना
एनसीपी नेता ने कांग्रेस को अपनी कमजोरी का अहसास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ऐसी कई सीटें गंवा दीं जहां पर भाजपा को हराया जा सकता था। बता दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 27 सीटें मिली थीं। इस बार उसने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन वह केवल 19 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई। चुनाव में उसके इस प्रदर्शन को काफी खराब माना जा रहा है।
मंगलवार को आए नतीजे, एनडीए जीता
एनडीए और महागठबंधन के बीच यह चुनाव काफी मुकाबले का रहा। कई सीटों पर जीत-हाथ मामूली वोटों के अंतर से हुई। इस चुनाव में एनडीए को 125 सीटें मिलीं जबकि महागठबंधन 110 सीटें जीतने में सफल रहा। लोजपा को एक सीटें और अन्य को सात सीटें मिली हैं। एनडीए की सत्ता में वापसी होनी जा रही है और नीतीश कुमार एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे। भाजपा को इस चुनाव में 74 सीटें मिली हैं। इस जीत से भाजपा काफी उत्साहित है और अब उसका अगला लक्ष्य पश्चिम बंगाल है। इस राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे।