- बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले लगन यादव को नेपाली बहू से मुलाकात भारी पड़ी
- एपीएफ ने 15 गोलियां चलाईं जिनमें से 10 गोलियां हवा में चलाई गईं
- रिहा होने के बाद वापस लौटे लगन किशोर यादव ने आपबीती बताई है
नई दिल्ली: बिहार के लगन किशोर को भारत-नेपाल सीमा के पास गोलीबारी के बाद शुक्रवार को नेपाल के सुरक्षाकर्मियों ने हिरासत में ले लिया था। हालांकि रिहाई होने के बाद वो आज सीतामढ़ी लौट आए हैं। लागन किशोर ने बताया, 'फायरिंग शुरू करने पर हम भारत लौटने के लिए दौड़े, लेकिन उन्होंने मुझे भारतीय तरफ से घसीटा, वो मुझे भारत से बंदूक से पीटते हुए नेपाल ले गए। पुलिस ने मेरे साथ मार पीट की और पूछने लगी कि सच बताओ तुम्हें नेपाल से पकड़ा गया है या भारत से। मैंने बोल दिया कि आप चाहे मुझे मार दीजिए पर मुझे भारत से पकड़ा गया है।'
उन्होंने कहा, 'मेरा बेटा और मैं अपनी बहू (नेपाली नागरिक) से मिलने के लिए सीमा पर थे। उस तरफ से सुरक्षाकर्मियों ने मेरे बेटे को मारा। जब मैंने पूछा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो उन्होंने मुझे चुप रहने को कहा। उन्होंने 10 और सुरक्षाकर्मियों को बुलाया, वे सीमा पर आए और हवा में गोलियां चलाईं।'
गोली लगने से एक का निधन
वहीं नेपाल सीमा पर हुई फायरिंग पर DG SSB कुमार राजेश चंद्रा ने कहा, 'बिहार के सीतामढ़ी जिले के लगन यादव की बहु नेपाली है। वो नेपाल से अपने ससुराल वालों संग आ रही थीं। नेपाल सशस्त्र पुलिस बल (APF) दल ने उन्हें नेपाल में 14 जून तक जारी लॉकडाउन के चलते वहां से जाने के लिए कहा। दोनों में इस बात को लेकर बहस हो गई। लोगों ने मोबाइल से फोन करके अपने गांव वालों को बुला लिया। दोनों में झड़प हुई जिसमें APF ने 15 राउंड फायरिंग की जिसमें 3 लोग घायल हुए और एक आदमी लागन यादव को APF ने पकड़ लिया। घायल में से एक आदमी का निधन निजी अस्पताल में हुआ।'
3 लोगों की लगी गोली
घटना 'नो मेन्स लैंड' (दो देशों की सीमा के बीच का स्थान जिस पर किसी का अधिकार नहीं होता) से 75 मीटर भीतर नेपाल की सीमा में उस समय हुई जब कुछ महिलाएं और यादव अपनी बहू से बात कर रही थीं। सीमा पर गश्त कर रहे एपीएफ कर्मियों ने इन लोगों को भारतीय क्षेत्र में जाने को कहा। एपीएफ कर्मियों की आपत्ति के बाद बहस हुई तथा यादव के समर्थन में कुछ और ग्रामीण भारतीय सीमा से आ गए। एपीएफ ने दावा किया कि पहले उन्होंने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई और बाद में हथियार लूटे जाने के भय से भीड़ पर गोली चलाई जो तीन लोगों को लगी। एपीएफ ने 15 गोलियां चलाई जिनमें से 10 गोलियां हवा में चलाई गई।