पटना : बिहार चुनाव में महागठबंधन को एक और झटका लगा है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) भी महागठबंधन से अलग हो गया है। सीट बंटवारे पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ बात नहीं बनने पर जेएमएम ने कहा है कि वह विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगा। जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि उनकी पार्टी राज्य के सात सीटों झाझा, चकाई, कटोरिया (एसटी), धमदाहा, मनिहारी (एसटी), पीरपैंती (एससी) और नाथनगर सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी।
सूत्रों का कहना है कि बिहार चुनाव में जेएमएम महागठबंधन से सात सीटें चाहता था लेकिन राजद उसे अपने कोटे से दो से ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं था। महागठबंधन से अलग होने की नौबत तब आई है जब सीट बंटवारे को लेकर जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को राजद नेता तेजस्वी यादव से बात की। बताया जाता है कि जेएमएम को सीट देने के मसले पर सहमति नहीं बन पाई। गत 21 सितंबर को सोरेन रिम्स में लालू प्रसाद यादव से भी मिले थे।
बता दें कि झाझा, चकाई और कटोरिया में पहले चरण के तहत 28 अक्टूबर को मतदान होगा। पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है। जेएमएम बिहार अध्यक्ष प्रणव कुमार ने कहा कि राजेडी ने उनकी पार्टी के साथ 'मक्कारी' की है। उन्होंने कहा कि जेएमएम बिहार में 30-32 सीटों पर चुनाव लड़ता आया है लेकिन महागठबंधन का सम्मान करते हुए वह इस बार 12 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार था।
भट्टाचार्य ने कहा, 'काफी समय तक इंतजार करने के बाद जेएमएम ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया। बिहार की राजनीति में हुए बदलाव के बाद पार्टी ने यह फैसला लिया है।' जेएमएम नेता ने राजद के इस रुख को 'राजनीतिक मक्कारी' बताया। उन्होंने कहा कि दो दिनों पहले तेजस्वी ने कहा था राजद 144 सीटों पर चुनाव लड़ेगा और इस चुनाव में जेएमएम को वह महागठबंधन के साथ रखेगा।