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JDU- LJP:बिहार की राजनीति में कालीदास- सूरदास का आगमन, आखिर एनडीए कुनबे में क्यों है रार

Updated Aug 13, 2020 | 18:43 IST

Bihar Political News: बिहार में एनडीए कुनबे की दो महत्वपूर्ण पार्टियां जेडीयू और एलजेपी एक दूसरे के आमने सामने हैं। अब दोनों दल के नेता कालीदास और सूरदास के जरिए एक दूसरे को संबोधित कर रहे हैं।

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एलजेपी और जेडीयू के नेता आमने सामने
मुख्य बातें
  • एलजेपी और जेडीयू के नेता एक दूसरे पर साध रहे हैं निशाना
  • चिराग पासवान कोरोना के मुद्दे पर नीतीश कुमार पर दबी जुबान कर रहे हैं मुखालफत
  • जेडीयू ने चिराग पासवान को बताया कालीदास तो एलजेपी नेता ने जेडीयू नेता लल्लन सिंह को बताया सूरदास

पटना: बिहार की राजनीति में इस समय दो मुद्दे बड़े जोरशोर से उछाले जा रहे हैं। पहला, कोरोना वायरस की वजह से नीतीश कुमार सरकार विरोधियों के निशाने पर है और उसके साथ ही सुशांत सिंह राजपूत केस भी सुर्खियों में है। लेकिन एनडीए के दो सहयोगी दल जेडीयू और एलजेपी के दूसरे पर शब्दों के जरिए तीर चला रहे है। मसलन एलजेपी सांसद चिराग पासवान कोरोना से निपटने के मुद्दे पर नीतीश कुमार सरकार पर हमला करने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं तो जेडीयू भी उन पर निशाना साध रही है। 

जेडीयू नेता ने चिराग पासवान को बताया कालीदास
नीतीश कुमार के करीबियों में से एक लल्लन सिंह ने चिराग पासवान की तुलना कालीदास से की तो एलजेपी के नेता भी पीछे नहीं रहे। एलजेपी के जिलास्तरीय नेताओं ने लल्लन सिंह को सूरदास करार दिया। इसके साथ ही नवादा से एलजेपी सांसद चंदन सिंह ने कहा कि जेडीयू एक तरह से पीएम नरेंद्र मोदी का अपमान कर रही है। पहले तो उन्होंने कहा कि इस तरह की भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।  चंदन सिंह कहते हैं कि चिराग पासवान भी कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाने की ही बात कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें कालीदास की संज्ञा देना एक तरह से पीएम का अपमान है क्योंकि पीएम मोदी भी वही बात कर रहे हैं। 

एलजेपी के नेता आगबबूला
चंदन सिंह कहते हैं कि किसी भी शख्स को बयान देने से पहले यह जरूर देखना चाहिए कि आखिर वो क्या थे।  जेडीयू की हैसियत 2014 में क्या थी और पूरी पार्टी कहां थी विचार करना चाहिए। जेडीयू को यह नहीं भूलना चाहिए कि एलजेपी ने अपनी सभी सीटों पर कब्जा किया था। लेकिन जेडीयू सिमट कर 2 सीट पर आ गई थी। आखिर लल्लन सिंह कौन होते हैं जो फैसला करेंगे कि विपक्ष में कौन बैठेगा। 

क्या कहते हैं जानकार
लोगों को आश्चर्य हो रहा है कि एलजेपी और जेडीयू में रार क्यों है। आखिर वो कौन सी वजह है जिसके बाद दबी जुबान या कभी कभी खुलकर चिराग सरकार खासतौर पर जेडीयू पर निशाना साधते रहते हैं। इस सवाल का जवाब बेहद दिलचस्प है। जानकार कहते हैं कि यह पूरी कवायद बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हो रही है। अब यह साफ हो चुका है कि एनडीए आने वाला चुनाव(अगर नहीं टला तो) नीतीश कुमार की अगुवाई में लड़ेगा। ऐसे में ड्राइविंग सीट पर नीतीश कुमार होंगे और ऐसा हो सकता है उस सूरत में एलजेपी को उतनी सीट हासिल न हो। लिहाजा यह सब कवायद या बयानों की गरमी उस संदर्भ में देखी जा सकती है। 

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