- इस साल के अंत में बिहार में होने हैं विधानसभा चुनाव, राजनीतिक हलचल तेज हुई
- पिछले कुछ समय से बिहार की नीतीश सरकार पर हमला बोलते आए हैं चिराग पासवान
- बिहार चुनाव में एनडीए का हिस्सा होना है या नहीं इस बारे में फैसला करेगी लोजपा
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आते ही राजनीतिक दलों की अहम बैठकों का दौर शुरू हो गया है। ये दल आगामी चुनाव में गठबंधन में शामिल होने या न होने जैसे बड़े फैसले ले रहे हैं। बिहार के प्रमुख दलों में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की एक अहम बैठक सोमवार को होनी है। इस बैठक में पार्टी यह फैसला करेगी कि उसे नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल होना है या नहीं। आज सभी की नजर लोजपा की इस बैठक पर है। इस बैठक से पहले लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक पत्र के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बनाने का काम किया है। चिराग ने रविवार को सीएम को एक पत्र लिखा। अपने इस पत्र में उन्होंने पिछले 15 वर्षों में मारे गए अनुसूचित जाति एवं जनजाति के पारिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
एनडीए का हिस्सा हैं जेडीयू और लोजपा
एलजेपी और जेडीयू दोनों एनडीए का हिस्सा हैं लेकिन पिछले कुछ समय से दोनों दलों के बीच तनातनी देखने को मिली है। हालांकि दोनों पार्टियों के बीच की दूरी को भाजपा ने पाटने की कोशिश की है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पहले कह चुके हैं कि एनडीए के सभी दल मुख्यमंत्री नीतीश के नेतृत्व में चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे। पिछले कुछ समय से चिराग नीतीश सरकार पर निशाना साधते आए हैं। उन्होंने राज्य में कोविड-19 की स्थिति से निपटने एवं सरकार के प्रदर्शन पर सवाल उठाए हैं।
मारे गए एससी एवं एसटी के परिजनों को नौकरी देने का वादा
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश ने बीते 15 साल में एससी एवं एसटी समुदाय से जिन लोगों की हत्या हुई है, उन लोगों के करीबी परिजन को सरकारी नौकरी देने के लिए नीतीश कुमार ने नियम बनाने के निर्देश दिए हैं। नीतीश की इस घोषणा के बाद बिहार में राजनीतिक पारा गर्म हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एवं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश के इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। तेजस्वी ने ओबीसी और सामान्य जाति के लिए भी इसी तरह का प्रावधान किए जाने की मांग की है।
चिराग ने नीतीश पर बोला हमला
चिराग ने रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश पर एक बार फिर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में दलित समुदाय से किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया है। पासवान ने अपने पत्र में कहा कि राज्य सरकार ने प्रत्येक दलित परिवार को तीन डेसिमल जमीन देने का वादा किया था लेकिन सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया है जिससे दलित समुदाय निराश है।
जेडीयू ने दी प्रतिक्रिया
चिराग के इस पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए जद-यू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, 'नीतीश कुमार सामाजिक आंदोलन से निकलकर आए हैं। एससी/एसटी परिवार को नौकरी देने के उनके बयान की आलोचना करने की जगह उसका स्वागत होना चाहिए।' लोजपा के सूत्रों का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनना है कि नहीं, इस बारे में पार्टी की सोमवार को होने वाली बैठक में फैसला होगा।