पटना : राजद नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी ने बिहार में बेरोजगार युवाओं का डेटाबेस तैयार करने के लिये एक समर्पित पोर्टल और टोल फ्री नंबर शुरू किया है। साथ ही, यदि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी राज्य में सरकार बनाती है तो इन्हें नौकरी उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह कदम पार्टी को राज्य की सत्ता में आने पर नौकरियां सृजित करने के लिये नीतियां बनाने में मदद करेगा।
प्रवासी श्रमियों का मुद्दा अक्टूबर-नवंबर में होने वाले चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों का एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनने जा रहा है। हालांकि, कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिये लागू किये गये लॉकडाउन को लेकर 20 लाख से अधिक श्रमिक बिहार लौटे हैं। उन्हें से कई लोग देश के विभिन्न शहरों में स्थित अपने पुराने कार्य स्थलों पर वापस चले गये हैं लेकिन कई अन्य यहीं रूक कर आसपास के इलाकों में रोजगार तलाश रहे हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी ने यहां पार्टी कार्यालय में कहा, ‘कोई भी बेरोजगार युवक उपरोक्त वेबसाइट को खोल कर अपने संपर्क के विवरण के साथ बायोडाटा के रूप में जानकारी डाल सकता है। इसके अलावा, टोल फ्री नंबर पर मिस्ड कॉल कर भी कोई व्यक्ति अपना पंजीकरण करा सकता है।’
उन्होंने कहा, ‘हमने राज्य में नौकरियों के अवसर सृजित करने के लिये विशेषज्ञों के परामर्श से व्यापक योजना तैयार की है।’ उन्होंने आह्वन किया कि यदि राज्य से बेरोजगारी खत्म करनी है तो नीतीश कुमार को सत्ता से हटाना होगा। तेजस्वी ने दावा किया, ‘बिहार में बेरोजगारी की दर 46.6 प्रतिशत है, जो देश में सर्वाधिक है। नौकरी की तलाश में बड़ी संख्या में लोग बिहार से बाहर जाते हैं। 52 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि यदि राजद की सरकार बनती है तो राज्य में पहले से लंबित रिक्तियों का भरने के लिये एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा, सभी भर्ती परीक्षाएं नियमित रूप से कराई जाएंगी। हालांकि, सत्तारूढ़ जदयू ने कहा कि तेजस्वी को इन मुद्दों पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है और उन्हें पहले अपने माता पिता के शासन काल में इन दोनों मुद्दों का रिकार्ड देख लेना चाहिए।
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, ‘उस समय उद्योगपति, चिकित्सक, युवा और श्रमिकों ने भारी संख्या में प्रवास किया। लेकिन आज लोगों का दूसरे राज्यों में जाना नियंत्रण में है।’