- बिहार में तीन चरणों में होने जा रहे हैं चुनाव, पहला चरण 28 अक्टूबर, दूसरा 3 नवंबर और तीसरा चरण 7 नवंबर
- 10 नवंबर को सभी 243 सीटों के आएंगे नतीजे
- जेडीयू ने 115 में से कुल 30 सीटों पर मुस्लिम यादव समाज से जुड़े उम्मीदवारों को उतारा
पटना। बिहार विधानसभा में कुल 243 सीट है और किसी भी पक्ष को सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत होती है। अब इस संख्या बल को हासिल करने के लिए राजनीतिक दल तरह तरह की रणनीति पर काम करते हैं। बिहार में अब सभी राजनीतिक दलों की तरफ से टिकटों का बंटवारा हो चुका है और दावा है कि वो सरकार बनाएंगे हालांकि औपचारिक फैसला 10 नवंबर को सामने होगा।
एमवाई पर जेडीयू ने खेला दांव
यहां पर हम बात करेंगे आरजेडी के कोर वोट बैंक मुस्लिम यादव की जिसे शार्ट में MY के नाम से भी जानता है। अगर इस समीकरण पर नजर डालें तो इन दोनों समूहों पर जेडीयू यानी नीतीश कुमार की नजर है। जेडीयू 115 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और इस दफा नीतीश कुमार ने MY से जुड़े 30 उम्मीदवारों को टिकट देकर आरजेडी के कोर वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है। यह अलग बात है कि आरजेडी के वोटबैंक में नीतीश कुमार किस हद तक सेंधमारी कर पाएंगे।
बिहार में एमवाई के 31 फीसद वोट
बिहार की राजनीति में मुस्लिम यादव गठजोड़ का लालू प्रसाद यादव ने सफल प्रयोग किया था। जब वो अदालती वजहों से सक्रिय राजनीति से दूर हुए उस वक्त भी इस समाज का भरोसा आरजेडी पर बरकरार रहा। लेकिन नीतीश कुमार को लगता है कि तेजस्वी या तेज प्रताप यादव में लालू की तरह करिश्मा नहीं है और इस वजह से उन्होंने एमवाई समीकर पर भरोसा किया। अगर राज्य में कुल मतदाताओं की तादात देखें तो इस समाज के करीब 31 फीसद वोट हैं।