RRB Group D CBT, NTPC: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने बुधवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने रेल मंत्री से रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड के परीक्षार्थियों के लिए मेडिकल स्टैंडर्ड 2019 के ही बराबर रखने की मांग की। साथ ही भाजपा नेता ने रिक्तियों की डेढ़ गुनी संख्या में परीक्षार्थियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जाने की भी मांग की। मोदी ने 2019 के बाद जारी ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट को भी स्वीकार करने का अनुरोध किया।
रिपोर्टों के मुताबिक राज्यसभा सांसद ने कहा है कि एनटीपीसी में 'एक छात्र एक रिजल्ट' और ग्रुप-डी में दो के बजाय एक परीक्षा समेत अन्य मांगों का सरकार समाधान करेगी।
गत 27 जनवरी को भी मिले थे सुशील मोदी
सुशील मोदी इससे पहले भी छात्रों की मांग को लेकर रेल मंत्री से मिल चुके हैं। गत 27 जनवरी को हुई अपनी मुलाकात के बारे में भाजपा नेता ने बताया कि रेल मंत्री ने उनकी दो मांगों पर विचार किया। मोदी ने मांग की थी कि प्रदर्शन के दौरान छात्रों एवं अध्यापकों पर दर्ज केस वापस हों। छात्रों से प्रदर्शन रोकने की अपील करते हुए राज्यसभा सांसद ने कहा कि सरकार छात्रों की 'वन स्टूडेंट, वन रिजल्ट' की मांग एवं 3.5 लाख अतिरिक्त अभ्यर्थियों को शामिल करने के लिए तैयार हो गई है।
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छात्रों ने किया था प्रदर्शन
बता दें कि रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणी (एनटीपीसी) परीक्षा के रिजल्ट को लेकर छात्र 26 जनवरी को सड़कों पर आ गए। बिहार में कई जगहों पर उग्र एवं हिंसक प्रदर्शन हुए। गया में प्रदर्शनकारी छात्रों ने ट्रेन की बोगी में आग लगा दी। कई रेलवे स्टेशनों पर छात्रों ने हिंसक प्रदर्शन किया। बिहार में छात्रों के इस भारत बंद को विपक्षी पार्टियों का भी समर्थन मिला।
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छात्रों की मांगों पर रेलवे ने बोर्ड बनाया
छात्रों के इस प्रदर्शन के आगे सरकार को झुकना पड़ा। आंदोलनकारी छात्रों की मांग के मद्देनजर रेलवे ने एक बोर्ड बनाने का फैसला लिया। साथ ही रेल मंत्रालय ने गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों और रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की लेवल 1 की परीक्षाओं पर रोक लगा दी। रेलवे ने कहा है कि छात्र 16 फरवरी तक अपनी शिकायत और सुझाव भेज सकते हैं। बोर्ड 4 मार्च तक अपनी सिफारिशें देगा।