- JDU से निकाले जाने के बाद श्याम रजक ने छोड़ी विधायकी, आरजेडी में हुए शामिल
- श्याम रजक बोले- जेडीयू में 99 फीसदी लोग हैं नीतीश कुमार से नाराज
- रविवार को ही जेडीयू ने श्याम रजक को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के बाद पार्टी से निकाला था
पटना: बिहार में इसी साल के अंत में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का पार्टी बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है। रविवार को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से निकाले गए और मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए श्याम रजक ने अब विधायकी भी छोड़ दी है और आरजेडी में शामिल हो गए हैं। तेजस्वी यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इससे पहले उन्होंने विधायकी अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा था। मीडिया से बात करते हुए श्याम रजक ने कहा कि जेडीयू में 99 फीसदी लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज हैं।
मुझे बर्खास्त नहीं किया गया है- रजक
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे निष्कासित नहीं किया गया है, मैं विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं। मैं वहां नहीं रह सकता जहां सामाजिक न्याय छीना जा रहा है। जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी में लगभग 99% लोग बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज हैं, लेकिन निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। मैं दूसरों के बारे में नहीं जानता, लेकिन मैं राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो रहा हूं।' श्याम रजक पिछले काफी दिनों से तेजस्वी यादव के संपर्क में थे और जैसे ही जेडीयू को ये भनक लगी तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
बिहार के मौसम वैज्ञानिक हैं श्याम रजक
बिहार के फुलवारी विधानसभा से विधायक रजक पहले भी आरजेडी के सदस्य रह चुके हैं। एक समय ऐसा था जब उन्हें लालू प्रसाद यादव के करीबी लोगों में शामिल किया जाता था। श्याम रजक के बारे में एक कहावत भी है कि उन्हें बिहार की राजनीति का मौसम वैज्ञानिक कहा जाता है। कहा जाता है कि ये केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तरह राजनीतिक हवा का रूख भांपने में सफल रहे हैं। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वो लालू यादव के शासनकाल से लेकर नीतीश सरकार तक में मंत्री रहे हैं।
पहले भी आरजेडी में रह चुके हैं शामिल
2009 में जेडीयू में शामिल होने वाले रजक 2010 में जेडीयू के कोटे से विधायक चुनकर मंत्री पद पर विराजमान हुए। 2015 में जब महागठबंधन की सरकार बनी तो उन्हें मंत्री पद नहीं मिला लेकिन तेजस्वी उप मुख्यमंत्री जरूर बने। इसके बाद जब महागठबंधन टूटा तो श्याम रजक बाद में मंत्रिमंडल में शामिल किए गए लेकिन उन्हें कोई अहम विभाग या जिम्मेदारी नहीं दी गई। श्याम रजक महादलित वर्ग से आते हैं और फुलवारी सीट पर इस वर्ग के वोट निर्णायक स्थिति में है। अब देखने वाली बात होगी कि श्याम रजक जेडीयू को कितना नुकसान पहुंचाते हैं और आरजेडी को उनसे कितना फायदा होता है।