- मुकेश सहनी विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक प्रमुख हैं।
- साहनी को बजेपी के कहने पर कैबिनेट में शामिल किया गया था।
- विधानसभा चुनाव हारने के बाद विधान परिषद के लिए भी चुना गया था।
Mukesh Sahani sacked from Nitish Kumar cabinet : विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी को नीतीश कुमार कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी को उनके मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है, उच्च पदस्थ सूत्रों ने जानकारी दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राज्यपाल फागू चौहान से मुकेश साहनी को कैबिनेट मंत्री के पद से हटाने की सिफारिश की। यह तब हुया जब बीजेपी ने नीतीश कुमार को एक पत्र सौंपकर मुकेश साहनी को पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री के पद से हटाने का अनुरोध किया। साहनी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख हैं, जो बिहार में बीजेपी-नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) सरकार का हिस्सा थे। अब एनडीए का हिस्सा नहीं रहे।
गौर हो कि मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी को बड़ा झटका देते हुए उसके तीनों विधायक बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए। विशेष रूप से, साहनी अब एमएलसी के रूप में अपनी पार्टी के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में बचे हैं। वीआईपी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले तीन विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल यादव और स्वर्ण सिंह हैं। साहनी को बीजेपी के कहने पर कैबिनेट में शामिल किया गया था, उन्हें विधान परिषद के लिए भी चुना गया था, क्योंकि वह अपनी विधानसभा सीट हार गए थे।
मुकेश साहनी को कैबिनेट से बर्खास्त करने की ये है वजह
प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने एक बयान में कहा कि बीजेपी के प्रदेश प्रमुख ने सहनी से अपने तरीके को सुधारने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने एक अधिसूचना जारी की, जिसने मछुआरा समुदाय को बहुत नाराज कर दिया था। इस फैसले के जरिये वह अपनी राजनीतिक इमारत बनाना चाहते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बार-बार हमला करने के कारण बॉलीवुड के पूर्व सेट डिजाइनर सहनी से बीजेपी काफी नाराज थी। सहनी की पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 50 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिली।
बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री मुकेश साहनी पर मछुआरों और विभाग को ठगने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम सामने आया। जायसवाल ने कहा कि मैं आज सदमे में हूं। मंत्रालय के 30 से अधिक सदस्यों ने मामले में बिहार के मंत्री की लापरवाही के बारे में शिकायत की है। मंत्री ने स्थायी कमिटी को भंग करने के लिए कहा है और एक अधिकारी नई कमिटी का प्रभारी होगा। यह चौंकाने वाला है।
बाद में उन्होंने बताया कि कमिटी के सदस्य साहनी को बार-बार पत्र लिख रहे थे, लेकिन यह स्पष्ट करने में कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई कि पारंपरिक मछुआरा समाज में किस वर्ग को शामिल किया जाना है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि साहनी जीवन भर सबको धोखा देते रहे और अब उन्होंने अपने ही समाज को भी धोखा दिया है। इसकी निश्चित रूप से जांच की जाएगी।
वीआईपी बिहार में भाजपा-नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) सरकार का हिस्सा है। हालांकि, संजय जायसवाल मुकेश साहनी अब बिहार में एनडीए के साथ नहीं हैं। साहनी ने बिहार कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देने से इनकार करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस पर फैसला लेना है और वह उनके आदेशों का पालन करेंगे।
हाल में, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने यह भी दावा किया था कि सहनी को 2020 के चुनावों के छह महीने के भीतर अपनी पार्टी का भाजपा में विलय करने के लिए कहा गया था, लेकिन वीआईपी प्रमुख वादे से मुकर गए। हालांकि, सहनी ने ऐसे किसी समझौते से इनकार किया था।
खुद को ‘सन ऑफ मल्लाह’ कहने वाले सहनी को पिछले सप्ताह तब बड़ा झटका लगा जब वीआईपी के तीन विधायक पाला बदलते हुए भाजपा में शामिल हो गए। पूर्व में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ रहते हुए सहनी ने चुनाव की घोषणा के बाद विपक्षी खेमा छोड़ दिया था। दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद सहनी की पार्टी एनडीए में शामिल हो गई।
बिहार में विधानसभा चुनाव में सहनी की पार्टी को चार सीटों पर सफलता मिली लेकिन वह खुद चुनाव हार गए। लेकिन सहनी को मंत्री बनाया गया और वह विधान परिषद के लिए चुने गए। वहीं, वीआईपी के एक विधायक के निधन के बाद खाली हुई बोचहां सीट पर उपचुनाव में बीजेपी ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया है।