यूपी के प्रयागराज में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है यहां एक अस्पताल के डॉक्टरों पर यह आरोप है कि एक बच्ची के पेट के ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने पैसों के लालच में बिना टांका लगाए फटे पेट के साथ ही बाहर निकाल दिया जिससे मासूम ने तड़पते हुए अपने पिता की गोदी में अस्पताल के बाहर दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद एक बार फिर अस्पतालों का कलंकित चेहरा सामने आया है जहां उनके लिए किसी के जीवन से ज्यादा पैसा अहम है चाहें मरीज की मौत ही क्यों ना हो जाए, इस घटना से ग्रामीणों व स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है।
परिजनों ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के दौरान बच्ची को टांके नहीं लगाए गए और फटे पेट के साथ बच्ची को अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। जिलाधिकारी को की गई शिकायत के बाद उन्होंने एडीएम व सीएमओ की दो सदस्यीय टीम बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
इस घटना के बाद अस्पताल के बाहर खासी भीड़ लग गई, वहीं भारी पुलिस बल ने पहुंचकर स्थिति को संभाला और पुलिस ने बच्ची के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है।
इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद राष्ट्रीय बाल सुरक्षा आयोग (NCPCR) ने प्रयागराज के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मामले में उचित कार्रवाई के लिए कहा है उसने लिखा है कि डीएम इस मामले की सख्ती से जांच करें और उचित धाराओं में केस दर्ज हो।
ये है घटनाक्रम जिसके चलते 3 साल की मासूम ने तड़पकर तोड़ा दम
बताया जा रहा है कि प्रयागराज जिले के करेली निवासी मुकेश मिश्रा की 3 साल की बेटी खुशी को पेट दर्द की शिकायत थी उन्होंने बताया कि एक डॉक्टर ने खुशी को 15 फरवरी को चायल के निजी अस्पताल यूनाइटेड मेडीसिटी हॉस्पिटल (United Medicity Hospital Prayagraj) में इलाज कराने के लिए रेफर किया था वहां बच्ची को ले जाने पर डॉक्टर ने बताया कि आंतें सिकुड़ रही हैं, ठीक हो जाएगी।
फिर डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया उससे आराम नहीं आया फिर करीब पांच दिन बाद उसका दोबारा से ऑपरेशन किया इसमें परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने बिना टांका लगाए ही दो दिन पहले उसे बाहर कर दिया जिसके बाद परिजन उसे लेकर शहर के दूसरे अस्पताल का चक्कर काटते रहे लेकिन कहीं पर उसे भर्ती नहीं किया गया।
दोबारा यूनाइटेड मेडीसिटी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे
खुशी की हालत खराब होने पर परिजन दोबारा यूनाइटेड मेडीसिटी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे आरोप है कि कि वहां बच्ची को भर्ती करने से इनकार कर दिया गया और वहां गेट पर ही उन्हें रोक दिया गया। वह गोद में खुशी को लेकर करीब काफी देर इधर से उधर भटकते रहे, लेकिन गार्ड ने उन्हें भीतर नहीं जाने दिया, इस बीच दर्द से तड़प रही खुशी ने अस्पताल के गेट पर पिता की गोद में ही दम तोड़ दिया, इस पूरे प्रकरण पर हॉस्पिटल का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने मृतक बच्ची के परिजनों के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद डीएम ने मामले का संज्ञान लिया उन्होंने इस मामले पर एडीएम सिटी और सीएमओ की दो सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं।