- प्रयागराज में बड़े अस्पताल कोविड अस्पतालों में तब्दील
- नॉन कोविड मरीजों को हो रही दिक्कत
- कॉल्विन अस्पताल से मरीजों में जगी उम्मीद, पड़ोसी जनपदों से भी इलाज के लिए आते हैं लोग
प्रयागराज। कोरोना काल में उन मरीजों को दिक्कत हो रही है जो सामान्य तौर पर पहले से किसी बीमारी से परेशान हैं लेकिन उनका इलाज नहीं हो पा रहा है। प्रदेश के दूसरे जनपदों की तरह प्रयागराज की भी तस्वीर अलग नहीं है। शहर के कुछ महत्वपूर्ण अस्पतालों को कोविड अस्पताल में बदल दिया गया है और उसका असर यह है सामान्य मरीज शिकायत कर रहे हैं कि अस्पताल इलाज करने से मना कर रहे हैं। संकट की इस घड़ी में शहर का कॉल्विन अस्पताल में लोगों की उम्मीद जगी है। प्रयागराज के अस्पतालों में सिर्फ उसी जिले के मरीज नहीं आते हैं बल्कि पड़ोसी जनपदों के मरीज भी इलाज के लिए आते हैं।
कोविड अस्पताल में तब्दील हुए बड़े हॉस्पिटल
स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के साथ साथ तेज बहादुर सप्रू अस्पताल को कोविड अस्पताल बना दिया गया है । जिसकी वजह से सामान्य मरीजों के इलाज पर रोक लग गई और उसका असर यह हुआ कि लोग इलाज के लिए काल्विन अस्पताल पहुंचने लगे। अच्छी बात यह है कि यहां 24 घंटे इलाज की व्यवस्था रही और उसका नतीजा भी सामने हैं। 22 मार्च से पांच जुलाई के बीच करीब 41,011 मरीजों का इलाज किया गया। इसके साथ ही 93 गंभीर मरीजों के ऑपरेशन भी किए गए।आपातकालीन सेवाओं को भी बंद नहीं किया गया।
कॉल्विन अस्पताल से जगी उम्मीद
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वीके सिंह कहते हैं कि कोरोना वायरस से बचाव करते हुए अस्पताल में मरीजों का इलाज जारी रहा। अब बेली कोविड अस्पताल कोरोना मरीजों के लिए चालू करा दिया गया। यहां पहले दिन ही 20 पॉजटिव मरीज भर्ती कराए गए। बेली लेवल टू का कोविड अस्पताल है। लेकिन यह चालू नहीं किया गया था। कोरोना पॉजिटिव मरीजों को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा था।