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Pune: बच्चे का एडमिशन करवाने जा रहे हैं तो ध्यान दें, अवैध घोषित हुए पुणे के 51 स्कूल

Updated Jun 07, 2022 | 19:55 IST

Pune Schools News: पुणे के 51 स्कूलों को मानकों पर खरा न उतरने के बाद अवैध घोषित कर दिया है। साथ ही पढ़ाई रोकने का आदेश दिया गया है। वहीं इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को परिजनों को एडमिशन वापस लेने की सलाह दी गई है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
पुणे में 51 स्कूल हुए अवैध घोषित
मुख्य बातें
  • पुणे में 51 स्कूल हुए अवैध घोषित
  • बच्चों का नाम कटवाने की सलाह
  • स्कूलों पर लगाया गया भारी फाइन

Pune Schools News: महाराष्ट्र के पुणे शहर में चल रहे अवैध स्कूलों पर एक्शन लगातार जारी है। पुणे में ऐसे 51 स्कूल हैं जो अवैध बताए गए हैं। इन सभी स्कूलों को एनओसी नहीं दी गई है। साथ ही इन में पढ़ने वाले बच्चों के परिजनों को एडमिशन वापस लेने की सलाह भी दी जा रही है। इन स्कूलों में 24 शहर के अंदर तो 27 पूरे जिले में हैं। विभाग की ओर से इन सभी स्कूलों में पढ़ाई पर रोक लगा दी गई है। साथ ही विभाग इन स्कूलों से भारी जर्माना भी वसूल कर रहा है। फिलहाल हर स्कूल पर एक लाख का जुर्माना है लेकिन अगर इन्होंने क्लास चालू रखीं तो हर दिन 10 हजार का जुर्माना प्रति स्कूल लगाया जाएगा। 

विभाग के डिप्टी डिविजिनल डायरेक्टर ने इस संबंध में कहा कि राज्य का शिक्षा विभाग प्रदेश के सभी उन स्कूलों को तलाश रहा है जो बिना लाइसेंस के धड़ल्ले से चल रहे हैं। पिछले साल 21 जूनियर कॉलेज ऐसे थे जो पुणे में अवैध तरीके से चल रहे थे।

बच्चों को एडमिशन वापस लेने की मिली सलाह

विभाग के डिप्टी डिविजिनल डायरेक्टर ने कहा कि हम अब भी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। इसी दौरान पता चला कि काफी संख्या में ऐसे संस्थान हैं जिन्होंने एडमिशन ओपन कर दिया है, वो भी सिर्फ इंटेंशन लेटर के आधार पर। साथ ही कई स्कूलों का जमीन की लीज का झगड़ा चल रहा है। विभाग के अधिकारी ने आगे कहा कि जिन अभिभावकों ने अपने बच्चों का इन स्कूलों में दाखिला कराया है, उन्हें बच्चों का नाम वापस ले लेना चाहिए।

दोषी स्कूलों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

वहीं राज्य के शिक्षा आयुक्त सूरज मंधारे ने कहा कि दोषी स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गैर-लाइसेंस वाले स्कूलों द्वारा नए प्रवेश विज्ञापनों के क्रॉस-सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, और जुर्माना राशि वसूल की जा रही है। माता-पिता को अपने बच्चों को प्रवेश देने से पहले स्कूलों का सत्यापन करना चाहिए और उनकी वैधता की जांच करनी चाहिए। इससे बच्चों को स्कूल छोड़ने से रोका जा सकेगा।