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Bullet Train : झारखंड के इन 4 जिलों से गुजरेगी बुलेट ट्रेन, 260 किमी. प्रति घंटे होगी रफ्तार

Updated Mar 29, 2022 | 14:20 IST

Bullet Train : नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्वी राज्यों में कई एक्सप्रेस-वे और हाई स्पीड ट्रेन परियोजनाओं पर काम शुरू किया है। इसके तहत झारखंड होकर बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी तेज हो गई है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
झारखंड के 4 जिलों से गुजरेगी बुलेट
मुख्य बातें
  • प्रदेश में बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी तेज
  • केंद्र सरकार ने पूर्वी राज्यों में हाई स्पीड ट्रेन चलाने की बनाई है योजना
  • इसके तहत झारखंड में भी चलनी है ये ट्रेनें

Bullet Train : वाराणसी-हावड़ा हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए शुरुआती सर्वे का काम पूरा हो चुका है। माना जा रहा है कि, वाराणसी-हावड़ा के लिए जो हाई स्पीड ट्रेन चलाई जाएगी, उसकी स्पीड 260 किमी प्रति घंटे की होगी। यह वाराणसी से हावड़ा 5 घंटे में पहुंचेगी। झारखंड में इसके लिए कोडरमा, हजारीबाग, गिरीडीह, धनबाद के रास्ते हावड़ा का रूट होगा। पूर्व में यह बिहार के सासाराम और गया जिले से भी गुजरेगी।

पारसनाथ से गुजरेगी बुलेट ट्रेन
पूर्व मध्य रेल मुख्यालय में भी फरवरी में रेल मंत्रालय से इस बारे में पत्र आ गया था। हाल में इसको लेकर राज्यसभा में एक सवाल के जवाब देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश के सात रूट पर बुलेट ट्रेन चलाने की जानकारी दी थी। इसमें वाराणसी से हावड़ा रूट भी शामिल है। रूट की बुलेट ट्रेन के लिए उच्चस्तरीय बैठक में चर्चा हुई थी। बुलेट ट्रेन के रूट को झारखंड के पारसनाथ से गुजारा जाएगा। पारसनाथ में विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल है। ऐसे में बुलेट ट्रेन पटरी पारसनाथ के आसपास से गुजरेगी। 

गया स्टेशन को बनाया जा रहा विश्वस्तरीय
इस कारण बिहार के गया जंक्शन को विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी एक पर्यटन स्थल है। इसी तरह गया भी भगवान बुद्ध व विष्णु की नगरी है, इसलिए इस प्रोजेक्ट को गया रेलवे स्टेशन होते हुए बुलेट ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। गया स्टेशन को वर्ल्ड क्लास स्टेशन में शामिल करने की योजना के साथ बिहार-झारखंड के सासाराम, गया, कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह और धनबाद के रास्ते बुलेट ट्रेन को गुजारा जाएगा।

कोरोना संक्रमण के कारण रुका था काम
कोरोना संक्रमण के काारण इस प्रोजेक्ट पर कार्य रुक गया था, लेकिन बहुत जल्द डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा, ताकि पहले से निर्धारित साल 2030 तक बुलेट ट्रेन का संचालन शुरू किया जा सके। राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड बुलेट ट्रेन का सुरक्षित तरीके से संचालन करने के लिए इसके ट्रैक को पूरी तरह से एलीवेटेड बनाने वाला है, इसलिए किसी भी प्रकार के विरोध से बचने के लिए किसानों को इसकी जानकारी भी दी रही है।