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Job Fraud in Ranchi: रांची में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 23.57 लाख की ठगी, ऐसे पकड़ में आया शातिर

Updated Jul 24, 2022 | 17:21 IST

Cheating in Ranchi: रांची में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम बड़ी ठगी की गई है। वहीं, पुलिस की सतर्कता के कारण आरोपी सलाखों के पीछे है। गिरफ्तार ठग के फ्लैट की तलाशी लेने पर कई फर्जी ज्वाइनिंग लेटर मिले हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
रांची में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी
मुख्य बातें
  • जगन्नाथपुर पुलिस ने आरोपी सचिन दास को हटिया से किया है गिरफ्तार
  • गिरफ्तार 29 वर्षीय सचिन गिरिडीह के धनवार थाना क्षेत्र के हटिया दुर्गा मेंशन अपार्टमेंट में रहता था
  • पीड़ित ने सचिन के खिलाफ दर्ज कराई थी प्राथमिकी

Job Fraud in Ranchi: सरकारी चैनल में न्यूज एडिटर के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ी ठगी की गई है। ठग ने युवती के पिता से नौकरी दिलाने के एवज में 23 लाख 57 हजार 500 रुपए ऐंठ लिए। पीड़ित ने आरोपी ठग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। आरोपी 29 वर्षीय सचिन दास को जगन्नाथपुर पुलिस ने हटिया से गिरफ्तार किया है। आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद वहां से जेल भेज दिया गया। आरोपी सचिन गिरिडीह के धनवार थाना क्षेत्र में स्थित एक अपार्टमेंट में किराए फ्लैट में रह रहा था। 

आरोपी ने खुद को सरकारी चैनल में प्रोग्राम डायरेक्टर बताया था

जगन्नाथपुर थाने में पीड़ित शख्स ने बताया कि, उनकी बेटी को सरकारी चैनल में न्यूज एडिटर के पद पर नौकरी दिलाने का सलाह दी गई था। आरोपी सचिन ने अपने आप को सरकारी चैनल का प्रोग्राम डायरेक्टर बताया था। कहा था कि, चैनल में न्यूज एडिटर का पद खाली है। पीड़ित की बेटी मास कॉम कर रही है, इसलिए उन्होंने सचिन से नौकरी की बात की थी। 

ठग ने मांगे थे 25 लाख रुपए

पीड़ित द्वारा थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी के मुताबिक ठग ने उनसे 25 लाख रुपए की मांग की थी। उसने कहा था कि, नौकरी लगने पर उनकी बेटी को वेतन 6 लाख रुपए सालाना मिलेगा। इसके अतिरिक्त फ्लैट और कार मिलेगी। उसके झांसे में आकर पीड़ित ने जून 2021 से 20 अगस्त 2021 के बीच आरोपी को 8.37 लाख रुपए दे दिए। फिर उसने अपनी किडनी में इंफेक्शन की बात बताकर इलाज के नाम पर 12 लाख 20 हजार 500 रुपए लिए। 

सहायक समाचार संपादक का नियुक्ति पत्र भी दे दिया था

आरोपी सचिन ने युवती को सरकारी चैनल में सहायक समाचार संपादक के पद पर नियुक्ति का पत्र भी दे दिया था। इसके अलावा आई कार्ड देकर कहा था कि, अगस्त 2021 से तुम्हारी ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। जब एक महीने बाद ट्रेनिंग शुरू नहीं हुई तो पीड़ित ने जांच-पड़ताल शुरू की तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ।