- राजनीति व प्रशासन के लिए यह राशि बहुत अनुकूल है
- लव लाइफ में मई के बाद सफल रहेंगे
- सिंह राशि वाले इस साल रविवार को अन्न दान करते रहें
Singh Rashifal 2021 : सिंह राशि ज्योतिष की राशि संख्या पंचम है। सिंह का स्वामी सूर्य होता है। इस राशि के जातक बहुत ही धार्मिक तथा कर्मयोगी होते हैं। जिस भी कार्य को हाथ में लेते हैं उसको अंजाम तक पहुंचा कर के ही मानते हैं। धार्मिक गुरु होते हैं। राजनीतिज्ञ होते हैं। ज्योतिषी व कथा वाचक तथा कई विद्यालयों के मालिक होते हैं। राजनीति व प्रशासन के लिए यह राशि बहुत अनुकूल है। बैंकिंग, मीडिया, सिविल सेवा तथा उच्च प्रशासनिक सेवा में बड़े पदों को प्राप्त करते हैं। सूर्य ,गुरु चंद्रमा का परम मित्र है। मीन तथा धनु राशियां इसकी परम मित्र राशियां हैं। वृश्चिक,मेष तथा कर्क इसकी प्रिय मित्र राशियां हैं। सिंह राशि का शुभ रत्न माणिक्य है। माणिक्य के साथ पुखराज व मोती भी पहन सकते हैं। नीलम नहीं पहन सकते।
जानें 2021 सिंह राशि वालों के लिए कैसा रहेगा (Leo yearly horoscope 2021)
1. स्वास्थ्य : स्वास्थ्य सुख में जनवरी व नवम्बर का माह थोड़ी परेशानी उत्पन्न कर सकता है। 15 मार्च तक हेल्थ के प्रति सचेत रहें। बीपी से समस्या आ सकती है। सांस के मरीजों व वृद्ध जनों के लिए मार्च, जून तथा जून का महीना कष्टप्रद है। उदर रोग की भी समस्या आ सकती है।
2. जॉब : छात्र मई के बाद सफलता की प्राप्ति करेंगे। आईटी व मैनेजमेंट के लोगों को विदेश जाने का अवसर प्राप्त होगा। जून के बाद का समय बहुत अनुकूल है। इस वर्ष जॉब में पदोन्नति या जॉब चेंज के अवसर बन सकते हैं। लॉ व बैंकिंग फील्ड से संबंधित जातक लाभान्वित होंगे।
3. लव लाइफ : लव लाइफ में मई के बाद सफल रहेंगे। दाम्पत्य जीवन सुखद रहेगा। जीवन साथी को मार्च तक स्वास्थ्य से परेशानी हो सकती है। इस वर्ष प्रेम, विवाह का रूप लेगा, इसके लिए 15 मई से नवम्बर तक का समय अनुकूल है।
4. आर्थिक स्थिति : मार्च तक धन के व्यय की व्यवस्था बनेगी।16 मई के बाद धन प्राप्ति का सुखद संयोग बनेगा।इस वर्ष धन का निवेश जमीन या मकान में करेंगे।15 मार्च से जून फिर नवम्बर में व्यवसाय में कोई बड़ा कार्य सम्पन्न होगा।
5. शुभ समय : अप्रैल से जून तक फिर सितम्बर से 15 दिसंबर तक का समय उन्नति का है।
6. उपाय : प्रत्येक रविवार को तीन बार श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ करें। प्रतिदिन गायत्री मंत्र का पाठ करें। रविवार को अन्न दान करें। सूर्य व गुरु के बीज मंत्र का जप करें। प्रतिदिन पिता का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।