- कानून की पढ़ाई करने के लिए बीए एलएलबी अच्छा करियर ऑप्शन
- छात्र 12वीं के बाद कर सकते हैं 5 साल का यह कोर्स
- बैचलर ऑफ लॉ करने के बाद मिलते हैं कई करियर ऑप्शन
Career In BA LLB: कानून के क्षेत्र में जानें की चाह रखने वाले छात्रों के लिए 12वीं के बाद बैचलर ऑफ आर्ट्स और बैचलर ऑफ लॉ बेहतरीन करियर विकल्प बन सकता है। इस कोर्स को किसी भी स्ट्रीम के छात्र कर सकते हैं। यह 5 साल का एक इंटीग्रेटेड कोर्स होता है। मतलब यह कि इस 5 साल के कोर्स के दौरान छात्र अर्थशास्त्र, इतिहास, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र के साथ-साथ आपराधिक लॉ, श्रम लॉ, नागरिक लॉ, टैक्स लॉ, प्रशासनिक लॉ, कॉर्पोरेट लॉ, पेटेंट लॉ आदि जैसे विषयों का अध्ययन कर सकते हैं। कोर्स के बाद छात्रों के पास करियर बनाने कई विकल्प मौजूद होते हैं। कहा जाता है कि कानून के क्षेत्र में कमाई की कोई सीमा नहीं होती है।
वकालत
कोर्स के बाद वकालत करना पसंद करते हैं। इस पेशे को आगे बढ़ाने के इच्छुक उम्मीदवार को भारत में किसी भी स्टेट बार काउंसिल में अपना नामांकन कराना होता है। जिसके बाद वो अखिल भारतीय बार परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। इस परीक्षा को पास करने के बाद भारत में कहीं भी लॉ की प्रैक्टिस की जा सकती है।
कॉर्पोरेट नौकरी
लॉ कोर्स के बाद छात्र कॉर्पोरेट क्षेत्रों से संबंधित बैंकों, वित्तीय सेवा विभाग, वित्त और लेखा विभाग, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, पर्यटन उद्योग, मानव संसाधन विभाग, इनवेस्टमेंट बैंकिंग जैसे सेक्टर में भी जा सकते हैं। यहां पर लॉ छात्रों को आकर्षक पैकेज मिल सकता है।
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न्यायाधीश
लॉ की पढ़ाई करने वाले ज्यादातर छात्रज्ञें का सपना न्यायाधीश बनना ही होता है। इसे देश की सबसे ज्यादा सम्मानित नौकरियों में से एक माना जाता है। न्यायाधीश बनने के लिए होने वाली न्यायपालिका परीक्षा में वही छात्र आवेदन कर सकते हैं, जिनके पास उच्च न्यायालय में बतौर वकील 7 से 10 साल का अनुभव हो। अलग-अलग न्यायपालिका परीक्षाओं में आप तभी शामिल हो सकेंगे जब आप उस राज्य के मूल निवासी हों या वो परीक्षा देश भर के स्तर पर आयोजित की जाए।
कानूनी सलाहकार
आज के समय में छोटी से लेकर ब़उी सभी तरह की कंपनियों व संस्थानों को कानूनी सलाहकार की जरूरत पड़ती है। इनका काम किसी कंपनी या संगठन के साथ जुड़कर उसे कानूनी सलाह देना है। सलाहकार की जिम्मेदारी एग्रीमेंट्स तैयार करना, बातचीत करना, कॉर्पोरेट कानूनों का पालन करवाना और कर्मचारियों के साथ ही मैनेजमेंट से जुड़े विवादों में सलाह देना होता है।
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कंपनी सचिव
किसी कंपनी को चलाने के लिए कंपनी सचिवों या कंपनी सेक्रेटरी की जरूरत पड़ती है। बीए एलएलबी जैसी लॉ की डिग्री वाले छात्रों के पास कंपनी सेक्रेटरी बनने का बेहतरीन विकल्प होते हैं। उम्मीदवारों को सीएस में एक सर्टिफिकेट कोर्स करना होता है। जिसकी पढ़ाई केवल इंडियन कंपनी सेक्रेटरी इंस्टीट्यूट करवाता है। हालांकि, यह विकल्प केवल सिर्फ उनके लिए है जो कॉर्पोरेट दुनिया में शामिल होना चाहते हैं।