- इस बार और भी ज्यादा करीब से देखा गया सूरज, सामने आई हाई रिजॉल्यूशन वाली तस्वीर
- दिखा सूरज की सतह पर उठने वाली चुंबकीय सौर तरंगों का एक एक रेशा
- वैज्ञानिकों ने समझाया क्यों खास है ये उपलब्धि, रिसर्च में कैसे मिलेगी मदद
वाशिंगटन डी.सी : हाल ही में जारी की गई सूरज की नई तस्वीरों से पता चला है कि इसकी बाहरी परत में धागे नुमा चुंबकीय तरंगे होती हैं। यह अनदेखी तस्वीरें पहली बार लोगों के सामने आ रही हैं जिसमें सूरज की सतह अविश्वसनीय रूप से चुंबकीय धागों से भरी हुई है। कई लाख डिग्री तापमान वाले प्लाज्मा के बीच इन तरंगों की इतनी बारीक तस्वीर पहले सामने नहीं आई थी। नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर (MSFC) के सहयोगियों के साथ UCLan में शोधकर्ताओं की ओर से उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेज का विश्लेषण किया गया है और यह सूर्य के चुंबकीय वातावरण को समझने में खगोलविदों को बेहतर समझ प्रदान करेगा कि इसमें क्या क्या चीजें शामिल हैं।
अब तक, सूर्य के वायुमंडल के कुछ हिस्से अंधेरे या ज्यादातर खाली दिखाई दिए थे, लेकिन नई तस्वीरों में 500 किमी. चौड़ाई में तरंगें नजर आई हैं जिनके बीच की दूरी काफी कम है और उनके भीतर गर्म विद्युतीकृत गैसें बह रही हैं। NASA के उच्च-रिज़ॉल्यूशन कोरोनल इमेजर (या शॉर्ट के लिए हाय-सी) द्वारा अति-सूक्ष्म छवियां ली गईं।
इसके लिए रॉकेट से एक अपने तरह की पहली शक्तिशाली खगोलीय दूरबीन को अंतरिक्ष में ले जाया गया था। यह दूरबीन सूर्य के वातावरण में मौजूद हलचल को 70 किमी की सूक्ष्मता के आकार तक छोटा कर सकती है, जो सूर्य के आकार का लगभग 0.01% है। जिससे कभी भी सूर्य के वायुमंडल की ये अधिकतम रिज़ॉल्यूशन की तस्वीरें ली जा सकती हैं।
इससे सौर किरणें और सौर तूफानों के विस्फोट को समझने में मदद मिलेगी और पृथ्वी पर मौजूद जीवन पर इसके प्रभाव का भी पता चलेगा। वैज्ञानिक अब इस बात पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि किरणें क्यों बनती हैं, और उनकी उपस्थिति से हम पर क्या असर होता है।
यूसीएलएन में सौर भौतिकी के प्रोफेसर प्रोफेसर रॉबर्ट वॉल्श ने कहा, 'अब तक सौर खगोलविद प्रभावी रूप से हमारे निकटतम तारे को देखते रहे हैं, जबकि सी टेलीस्कोप से हमें पहली बार 'अल्ट्रा-हाई डेफिनिशन' में सूर्य के एक पैच का बारीकी से सर्वेक्षण करने का मौका मिलेगा। यह एक आकर्षक खोज है जो सूर्य की परतों के माध्यम से ऊर्जा के प्रवाह के बारे में हमारी समझ को बेहतर ढंग से बता सकती है।
उदाहरण के लिए, 'इस तरह से सोचें: अगर आप सामान्य तौर पर टेलीविजन पर फुटबॉल मैच देख रहे हैं, तो फुटबॉल की पिच हरी और सामान्य दिखती है। अल्ट्रा-एचडी में वही गेम देखें और घास के अलग-अलग ब्लेड आपको नजर आ जाते हैं और ऐसी ही सूरज की हाई-सी तस्वीरें इस समय हम देख पा रहे हैं। हम सूरज के उन घटकों को देख रहे हैं जो उसके वातावरण को बनाते हैं।'
बता दें कि आने वाले समय में सूरज इससे से भी ज्यादा करीब से नजर आने वाला है और इस काम के लिए नासा की ओर से पार्कर सोलर प्रोब और ईएसए के सोलर ऑर्बिटर (सोलो) को भेजा गया है। भारत भी निकट भविष्य में सूरज की ओर अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करने पर विचार कर रहा है।