मुंबई: भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद ने देश में खेलों की शुरुआत के लिए शीर्ष एथलीटों के बीच बायो सिक्योर बबल बनाने और कई मिनी लीगों का आयोजन करने का प्रस्ताव दिया है। गोपीचंद बुधवार को यहां आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस, भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) और फिट इंडिया द्वारा समर्थित 'स्पोर्ट्स, फिटनेस, लॉकडाउन-आगे का रास्ता क्या है?' विषय पर आयोजित वेबिनार में बोल रहे थे।
'कई लीगों का आयोजन कर सकते हैं'
गोपीचंद ने कहा, 'सामाजिक दूरी के नियमों के कारण हमारे लिए कोविड-19 से पहले की तरह बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर टूर्नामेंट आयोजित करना संभव नहीं हो सकता है। लेकिन हम अपने स्तर पर शीर्ष खिलाड़ियों के बीच प्रत्येक खेल में कई लीगों का आयोजन कर सकते हैं।' एएफआई के अध्यक्ष अदिले सुमारिवाला ने बैडमिंटन कोच के प्रस्ताव का पूरे दिल से समर्थन करते हुए कहा कि उनका महासंघ अगले साल होने वाले ओलंपिक को देखते हुए अपने एथलीटों को बेहतर तरीके से रखने और उन्हें शानदार फॉर्म में बनाए खने के लिए उनके साथ मिलकर काम कर रहा है।
'हमारे एलीट एथलीट जून से शिविरों में हैं'
सुमारिवाला ने कहा, 'हमारे एलीट एथलीट जून से शिविरों में हैं और अक्टूबर से वे कड़ी ट्रेनिंग शुरू कर देंगे। हमने अभी अपने विस्तृत कार्यक्रम कैलेंडर को देखा है और हम जनवरी से कड़े प्रतिस्पर्धा की उम्मीद कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'ओलंपिक की शुरुआत में देरी के कारण हम बेहतर प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त हैं क्योंकि इससे हमारे युवा एथलीट अधिक परिपक्व होंगे और उनकी तैयारी बेहतर होगी।'
'खेल मनोरंजन का सबसे प्रमुख साधन है'
आईडीबीआई फेडरल के प्रबंध निदेशक और सीईओ तथा मुंबई के पूर्व रणजी क्रिकेटर विघ्नेश शहाणे ने इस बात पर सहमति जताई कि महामारी भारत के लिए एक आशीर्वाद की तरह है। उन्होंने कहा, 'खेल मनोरंजन का सबसे प्रमुख साधन है। और लॉकडाउन के कारण अधिकांश भारतीयों ने खेल या फिटनेस गतिविधि में जरूर कुछ किया है और वे छह महीने पहले की तुलना में आज अधिक फिट हैं।'