- हरविंदर सिंह ने कोरिया के किम मिन सू को शूटऑफ में मात देकर कांस्य पदक जीता
- भारत को पैरालंपिक की तीरंदाजी स्पर्धा में पहली बार पदक मिला
- हरविंदर सिंह ने शूटऑफ के जरिये कोरियाई तीरंदाज को मात देकर मेडल जीता
टोक्यो: हरविंदर सिंह ने पैरालम्पिक की तीरंदाजी स्पर्धा में भारत को पहला पदक दिलाया, जिन्होंने पुरूषों के व्यक्तिगत रिकर्व वर्ग में कांस्य पदक के लिये रोमांचक शूटऑफ में कोरिया के किम मिन सू को मात दी। दुनिया के 23वें नंबर के खिलाड़ी हरविंदर सिंह ने 2018 पैरा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था।
पटियाला स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के छात्र हरविंदर सिंह ने कांस्य पदक के प्लेऑफ में 5-3 से बढ़त बना ली थी, लेकिन कोरियाई तीरंदाज ने पांचवां सेट जीतकर मुकाबले को शूटऑफ में खींचा। सिंह ने परफेक्ट 10 लगाया जबकि किम 8 ही स्कोर कर सके। सिंह ने 26-24, 27-29, 28-25, 25-25, 26-27, 10-8 से जीत दर्ज की। सेमीफाइनल में वह अमेरिका के केविन माथेर से 4-6 से हार गए थे।
पहले दौर में सिंह ने इटली के स्टेफानो ट्राविसानी की चुनौती शूटआउट में 6-5 (10-7) से समाप्त की। वह तीसरे सेट में सात का निशाना लगाकर 4-0 की बढ़त गंवा बैठे, लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए 5-5 से बराबरी की और शूट ऑफ में पहुंचे।
हरियाणा के कैथल गांव के सिंह ने टाई ब्रेकर में परफेक्ट 10 का निशाना लगाकर इसमें जीत हासिल की जबकि प्रतिद्वंद्वी केवल सात का ही निशाना लगा सका। इसके बाद उन्होंने रूसी पैरालंपिक समिति के बाटो सिडेंडरझिएव को 6-5 से हराया। मुकाबले में 0-4 से पिछड़ने के बाद उन्होंने 5-5 से बराबरी की और शूटऑफ में 8-7 से जीत दर्ज की।
क्वार्टर फाइनल में उन्होंने तीन बार के पैरालम्पियन जर्मनी के माइक जारजेवस्की को 6-2 से हराया। मध्यम वर्ग किसान परिवार के सिंह जब डेढ़ साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया था और स्थानीय डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया जिसका प्रतिकूल असर पड़ा और तब से उनके पैरों ने ठीक से काम करना बंद कर दिया।