- मोहन बागान और भारतीय फुटबॉल टीम की मनितोम्बी सिंह ने संभाली थी कमान
- साल 2003 में हो ची मिन्ह सिटी में वियतनाम को 3-2 से हराकर एलजी कप जीतने वाली भारतीय अंडर 23 टीम के रहे थे सदस्य
- पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे मनितोब्मी सिंह, मणिपुर में अपने पैत्रिक गांव में ली अंतिम सांस
कोलकाता: भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व डिफेंडर और मोहन बागान के कप्तान रहे मनितोम्बी सिंह का रविवार को 39 साल की उम्र में निधन हो गया। क्लब से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उन्होंने मणिपुर के इंफाल के निकट अपने पैतृक गांव में रविवार को सुबह अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से किसी बीमारी से पीड़ित थे। परिवार ने हालांकि उनकी बीमारी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। उनके परिवार में पत्नी के अलावा आठ साल का बच्चा है।
क्लब ने ट्विटर पर पोस्ट किया, 'मोहन बागान परिवार को क्लब के पूर्व कप्तान मनितोम्बी सिंह के असामयिक निधन से गहरा दुख हुआ है। इस मुश्किल समय में हमारी संवेदना परिवार के साथ है। मनितोम्बी सिंह की आत्मा को शाांति मिले।'
मनितोम्बी कोच स्टीफन कांस्टेंटाइन के मार्गदर्शन में खेलने वाली उस भारतीय अंडर -23 टीम के प्रमुख सदस्य थे जिसने 2003 में हो ची मिन्ह सिटी में वियतनाम को 3-2 से हराकर एलजी कप जीता था। सिंगापुर में 1971 में आठ देशों के टूर्नामेंट को जीतने के बाद यह भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय खिताबी जीत थी। मनितोम्बी ने 2002 बुसान एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने मनितोम्बी के निधन पर शोक व्यक्त किया। एआईएफएफ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने अपने संदेश में कहा, 'यह सुनकर दुख हुआ कि मनितोम्बी सिंह अब नहीं रहे।' एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास ने कहा, 'मनितोम्बी एक प्रतिभाशाली फुटबॉलर और ऊर्जा से भरे हुए खिलाड़ी थे। उनकी आत्मा को शांति मिले।'
उन्होंने कई क्लबों का प्रतिनिधित्व करने के बाद 2003 में मोहन बागान के लिए पदार्पण किया और 2004 में उनकी कप्तानी में टीम ऑल एयरलाइन्स गोल्ड कप की विजेता बनी। वह आखिरी बार मणिपुर राज्य लीग में 2015-16 में खेले थे।