- तीसरी बार ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम ने किया है क्वालीफाई
- पहली बार 1980 में मॉस्को ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ने की थी शिरकत
- 36 साल बाद रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाइ करने में सफल हुई थी महिला टीम
भुवनेश्वर: भारतीय महिला हॉकी टीम को शनिवार को ओलंपिक क्लालीफायर्स के फाइनल मुकाबले में अमेरिका के खिलाफ 4-1 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा लेकिन सेकेंड लेग में भारतीय टीम ने कुल गोल में 6-5 की बढ़त के साथ 2020 टोक्यो ओलंपिक का टिकट हासिल कर लिया है। भारतीय टीम ने मैच के शुरुआत में अच्छा खेल नहीं दिखाया और फर्स्ट हाफ में 0-4 के अंतर से पिछड़ गई इसके बाद वापसी करने में असफल रही और केवल 1 गोल कर सकी। ऐसे में अंत में सेकेंड लेग में कुल गोल के आधार पर भारतीय टीम को टोक्यो ओलंपिक का टिकट हासिल हो गया।
अमेरिकी टीम ने पूरे मैच में अपनी पकड़ बनाए रखी और अंत में मुकाबला 4-1 से अपने नाम कर लिया। इससे पहले दोनों टीमों के बीच खेले गए मुकाबले में भारतीय महिलाओं ने अमेरिका को 5-1 से करारी शिकस्त दी थी। ये जीत ही एक बार फिर टीम इंडिया के लिए वरदान साबित हुई और एक गोल ने टोक्यो का टिकट हासिल करने में निर्णायक भूमिका अदा की यह गोल इसी मैच को दूसरे हाफ में भारत के लिए नवनीत कौर ने 49वें मिनट में किया । मैच में अमेरिकी टीम के लिए अमेंडा मेगडन ने दो, कप्तान कैथलीन शार्की और एलिसा पार्कर ने एक-एक गोल किया।
भारतीय महिला हॉकी टीम ने तीसरी बार ओलंपिक का टिकट हासिल किया है। साल 1980 में पहली बार महिला टीम ने मॉस्को ओंलिपक में शिरकत की थी। इसके 36 साल बाद रियो ओलंपिक का टिकट कटाकर दूसरी बार ओलंपिक में भारतीय महिलाएं पहुंची थीं। लेकिन टोक्यो का टिकट हासिल कर रानी रामपाल की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने लगातार दूसरी बार ओलंपिक का टिकट हासिल कर इतिहास रच दिया है।
(डेवलपिंग स्टोरी)