- अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने रूस और बेलारूस पर गिराई गाज
- रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों और अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से बाहर किया जाए
- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनका ओलंपिक ऑर्डर सम्मान छीना गया
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने यूक्रेन पर हमला करने के लिये रूस को अलग थलग करने और उसकी निंदा करने के लिये बड़ा कदम उठाते हुए सोमवार को सभी खेल निकायों से रूसी खिलाड़ियों और अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से बाहर करने का आग्रह किया। ओलंपिक समिति ने व्लादीमीर पुतिन को 2011 में दिये गये ‘ओलंपिक आर्डर’ को भी वापस ले लिया है। उसके बाद अन्य रूसी अधिकारियों को दिया गया यह सम्मान भी वापस ले लिया गया है।
आईओसी ने कहा कि ‘‘वैश्विक खेल प्रतियोगिताओं की अखंडता की रक्षा और सभी प्रतिभागियों की सुरक्षा के लिये’’ ऐसा करना आवश्यक है। इस फैसले से विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा के लिये रूस को 24 मार्च को होने वाली विश्व कप क्वालीफाईंग मैच से बाहर करने का रास्ता खुल गया है। पोलैंड ने पहले ही इस पूर्व निर्धारित मैच में रूस से खेलने से इन्कार कर दिया था।
आईओसी की अपील बेलारूस के खिलाड़ियों और अधिकारियों पर भी लागू होती है जो रूस से हमले का समर्थन कर रहा है। आईओसी ने कहा कि उसने भारी मन से यह फैसला किया लेकिन युद्ध के कारण यूक्रेन के खेलों पर पड़ने वाला प्रभाव रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को होने वाले नुकसान से कहीं अधिक है।
आईओसी ने पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया है। उसने कहा है कि जहां संगठनात्मक या कानूनी कारणों से इतनी जल्दी खिलाड़ियों और अधिकारियों को बाहर करना संभव नहीं है वहां रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को तटस्थ खिलाड़ियों के रूप में भाग लेना चाहिए तथा वे अपने राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगान या प्रतीक चिन्ह का उपयोग नहीं कर सकते हैं। इनमें बीजिंग में होने वाले आगामी शीतकालीन पैरालंपिक खेल भी शामिल हैं।
यूरोप की कई खेल संस्थाएं पहले ही रूस का विरोध कर चुकी हैं। उन्होंने रूसी टीम की मेजबानी करने या उनके खिलाफ खेलने से इंन्कार कर दिया है।
फिनलैंड चाहता है कि रूसी आइस हॉकी टीम को पुरुष विश्व चैंपियनशिप में भाग लेने से रोका जाना चाहिए। फिनलैंड मई में इस प्रतियोगिता की मेजबानी करेगा। स्विट्जरलैंड के फुटबॉल महासंघ ने कहा कि उनकी महिला टीम जुलाई में यूरोपीय चैंपियनशिप में रूस से नहीं खेलेगी। जर्मन फुटबॉल क्लब शाल्के ने कहा कि उसने रूस की सरकार नियंत्रित ऊर्जा कंपनी गाजप्रोम से लंबे समय से चला आ रहा रिश्ता तोड़ने का फैसला किया है।
फीफा ने रूस को विश्व कप क्वालीफाइंग से तुरंत बाहर नहीं करने और देश को सिर्फ तटस्थ स्थलों पर उसके ध्वज और राष्ट्रगान के बिना अपने महासंघ फुटबॉल यूनियन आफ रूस के नाम से खेलने का आदेश दिया जिसको लेकर यूरोपीय देशों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। पोलैंड के अलावा स्वीडन और चेक गणराज्य ने भी कहा कि वह रूस के खिलाफ अपनी टीम नहीं उतारेंगे।