- रीजीजू ने कहा कि इस महीने के अंत से राष्ट्रीय शिविर शुरू करने की योजना
- कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन की वजह से अब तक शिविर शुरू नहीं हुआ
- अन्य खिलाड़ियों को शिविर के लिए सितंबर तक इंतजार करना पड़ सकता है
नई दिल्ली: खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने रविवार को कहा कि उनका मंत्रालय ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर चुके खिलाड़ियों के लिये राष्ट्रीय शिविरों को इस महीने के अंत से चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की योजना बना रहा है, लेकिन अन्य को सितंबर तक इंतजार करना होगा। रीजीजू ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगे देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उनका मंत्रालय भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के केंद्रों में ट्रेनिंग शिविर शुरू नहीं कर पाया। पहले लॉकडाउन तीन मई तक था जिसे अब 17 मई तक बढ़ा दिया गया है।
रीजीजू ने फिक्की के वेबिनार 'कोराना एवं खेल : द चैम्पियंस स्पीक' में कहा, 'शिविर चरणबद्ध तरीके से शुरू होंगे। पहले हम एनआईएस पटियाला और बेंगलुरू के साई में ट्रेनिंग शुरू करेंगे जहां इस समय एथलीट ठहरे हुए हैं। इस महीने के अंत से बेंगलुरू और पटियाला में ट्रेनिंग शुरू करने की उम्मीद है। शिविर उन खेलों के लिये होंगे, जिसमें हमने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर लिया है या उन खेलों के लिये होंगे जिसके भविष्य में ओलंपिक क्वालीफिकेशन हैं।'
राष्ट्रीय शिविर मार्च के मध्य में निलंबित कर दिये थे जब कोविड-19 महामारी के मामले देश में बढ़ने शुरू हुए थे। इस महामारी से भारत में 1300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है जबकि 39,000 से ज्यादा इससे संक्रमित हैं। दुनिया भर में इससे दो लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है। खेल मंत्री ने कहा कि वह रविवार से ही राष्ट्रीय शिविर फिर से शुरू करना चाहते थे, लेकिन लॉकडाउन बढ़ने से उनके हाथ बंधे हैं जो राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत आता है।
उन्होंने कहा, 'मैंने तीन मई से साई केंद्रो में खिलाड़ियों की ट्रेनिंग शुरू करने के बारे में सोचा था, लेकिन अब हमें इसे इस महीने के अंत से चरणबद्ध तरीके से शुरू करना होगा क्योंकि आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत खेल प्रतियोगिताओं को कोई छूट नहीं दी जाती। हम जरूरी सेवाओं के अंतर्गत नहीं आते।'
इन्हें करना होगा लंबा इंतजार
रीजीजू ने हालांकि स्पष्ट किया कि जो एथलीट ओलंपिक क्वालीफिकेशन करने की दौड़ में नहीं हैं, उन्हें ट्रेनिंग शुरू करने के लिये लंबा इंतजार करना होगा।
उन्होंने कहा, 'हम किसी भी राष्ट्रीय शिविर में ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर चुके या संभावित खिलाड़ियों के अलावा किसी को अनुमति नहीं देंगे। ऐसे शिविरों को इस साल सितंबर-अक्टूबर तक इंतजार करना होगा।'
मंत्री ने यह भी कहा कि प्रशंसकों को भी मैदान में खेल गतिविधियां देखने के लिये इंतजार करना होगा, जब तक यह महामारी नियंत्रित नहीं की जाती।
उन्होंने कहा, 'हमें निकट भविष्य में किसी प्रतिस्पर्धी मैच की कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए।' वहीं भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने शनिवार को कहा था कि वह सरकार से राष्ट्रीय शिविर में मौजूद खिलाड़ियों को बाहर ट्रेनिंग करने की अनुमति देने के बारे में पूछेंगे लेकिन रीजीजू का यह बयान उनकी उम्मीदों पर पानी फेर देता है।
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ और एआईएस पटियाला के कुछ खिलाड़ियों ने भी खेल मंत्री को आउटडोर ट्रेनिंग शुरू करने की अनुमति देने के बारे में लिखा था।
खेल मंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों सहित लोगों को अपनी दिनचर्या में काफी बदलाव की उम्मीद करनी चाहिए, भले ही हालात सामान्य हो जायें। उन्होंने कहा, 'हमें स्वीकार करना होगा कि चीजें वैसी नहीं होंगी, जैसे वे हुआ करती थीं। हमें भविष्य के लिये कुछ निश्चित योजना बनानी होगी। हम देख रहे हैं कि भारत इस चुनौती को कैसे लेता है और कोविड-19 के बाद एक मजबूत खेल देश के रूप में सामने आता है। कोरोना वायरस एक सच्चाई है और यह इतनी जल्दी नहीं जायेगा इसलिये हमें इसकी मौजूदगी में आगे बढ़ना होगा।'