- विक्टर एक्सेलसन ने दूसरी बार जीता ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन का खिताब
- फाइनल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी विक्टर एक्सेलसन ने लक्ष्य सेन को दी 21-10, 21-15 से मात
- महज 53 मिनट में खत्म हो गया खिताबी मुकाबला, सेन नहीं दिखा पाए अपना दम
लंदन: भारत के युवा बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन का ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियन बनने का सपना रविवार को टूट गया। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी विक्टर एक्सेलसन (Viktor Axelsen) के खिलाफ मुकाबले में उन्हें 21-10, 21-15 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। ओलंपिक चैंपियन 28 वर्षीय विक्टर एक्सेलसन के सामने सेन की एक नहीं चली। हार के साथ ही 20 वर्षीय सेन का प्रकाश पादुकोण और पुलेला गोपीचंद के क्लब में शामिल होने का मौका निकल गया। अगर सेन खिताब जीत जाते तो वो ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाले तीसरे भारतीय बन जाते।
खराब रही लक्ष्य सेन की शुरुआत
पहले गेम में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी विक्टर एक्सेलसन ने शानदार शुरुआत करते हुए 6-0 की बढ़त हासिल कर ली थी। इसके बाद एक शानदार स्मैश के साथ लक्ष्य सेन पहली बार सर्विस ब्रेक करने में सफल हुए लेकिन जल्दी ही उन्होंने सर्विस गंवा दी और स्कोर 7-2 हो गया। इसके बाद विक्टर एक्सेलसन ने 20 वर्षीय सेन को कोई मौका नहीं दिया और बेक तक 11-2 की बढ़त हासिल कर ली। ब्रेक के बाद लक्ष्य ने वापसी की कोशिश की और स्कोर को 14-6 तक पहुंचाया, लेकिन विक्टर ने अपना दबदबा और आक्रामक खेल बरकरार रखा और पहला गेम 21-10 से अपने नाम कर लिया।
दूसरे गेम में दिखाया शानदार खेल लेकिन नहीं कर पाए वापसी
दूसरे सेट में लक्ष्य ने वापसी की कोशिश की लेकिन दबाव की वजह से वो अपना सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं दिखा सके। दूसरे सेट में एक वक्त सेन स्कोर को 4-5 पर ले आए थे लेकिन विक्टर ने इसके बाद गियर बदलते हुए तेजी दिखाई और ब्रेक तक 11-5 के अंतर से बढ़त हासिल कर ली। इसके बाद मैच में लक्ष्य नजर नहीं आए । उन्होंने हार के अंतर को कम करने की कोशिश की लेकिन मैच में वापसी करने में नाकाम रहे और इतिहास रचने का मौका उनके हाथ से निकल गया।
विक्टर ने दूसरी बार जाती ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन का पुरुष एकल खिताब
विक्टर एक्सेलसन लगातार चौथी बार ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन के फाइनल में पहुंचे थे। उन्होंने इस बार टूर्नामेंट में बगैर कोई सेट गंवाए खिताब अपने नाम कर लिया। दो साल पहले वो ये खिताब पहली बार अपने नाम करने में सफल रहे थे। हाल के दिनों में लगातार चार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में कोई खिलाड़ी नहीं पहुंच सका था। उनके पहले लिन डेन और ली चांग वी ही ऐसा कर सके थे।