- प्रख्यात राम कथा वाचक मोरारी बापू ने भारतीय ओलंपिक दल को दी सौगत
- टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने के लिए टीम के योगदान को सराहा
- भारतीय दल के प्रत्येक सदस्य को 2500 रुपए का उपहार देने की घोषणा की
नई दिल्ली : प्रख्यात राम कथा वाचक एवं आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू ने भारतीय ओलंपिक दल को 57 लाख रुपए का उपहार दिया है। ओलंपिक में देश का नाम रोशन करने के लिए कथा वाचक की ओर से सद्भावना के रूप में यह राश दी गई है। टोक्यो ओलंपिक के लिए भारत से 226 सदस्यों का दल जापान पहुंचा था। इस बार ओलंपिक में भारत ने एक स्वर्ण पदक, दो रजत और चार कांस्य सहित कुल सात पदक अपने नाम किए हैं।
दल के प्रत्येक सदस्य को 2500 रुपए
भारतीय दल में शामिल 127 खिलाड़ियों ने ओलंपिक की अलग-अलग स्पर्धाओं में हिस्सा लिया। भारतीय दल को उपहार देने में राम कथा वाचक की तरफ से कोई भेद-भाव नहीं किया गया है। भारतीय दल में शामिल चाहे वे खिलाड़ी हों, प्रशिक्षक हों अथवा सपोर्ट स्टॉफ, उन्होंने सभी के साथ समान रूप से व्यवहार किया है। मोरारी बापू का कहना है कि भारतीय दल के प्रत्येक सदस्य का योगदान महत्व रखता है। इसलिए दल में शामिल प्रत्येक सदस्य को 2500 रुपए की प्रतीकात्मक राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि यह राशि गुजरात के तलगाजरडा स्थित श्री चित्रकूट धाम के हनुमान जी की तरफ से प्रसाद समझी जाए।
'खेल से भाईचारे की भावना विकसित होती है'
प्रख्यात राम कथा वाचक ने यह भी कहा कि हारना और जीतना खेल में लगा रहता है लेकिन पूरे उत्साह एवं जोश के साथ खेलों में हिस्सा लेने से दुनिया भर के खिलाड़ियों में भाईचारे की भावना विकसित होती है। मोरारी बापू ने भारतीय दल को उपहार देने की यह घोषणा गत सात अगस्त को मानस अमरकंटक में अपने उद्बोधन के दौरान की। भारतीय ओलंपिक संघ ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए कथा वाचक की इस पहल का स्वागत किया है।
भारतीय ओलंपिक संघ ने आभार जताया
भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने कहा, 'हमारे खिलाड़ियों का समर्थन और उनकी प्रशंसा करने के लिए श्री मोरारी बापू ने जो सकारात्मक पहल की है, उसके लिए हम आभारी है। टोक्यो ओलंपिक के दौरान खिलाड़ियों, अधिकारियों एवं सपोर्ट स्टॉफ ने जो प्रयास किए उसकी सराहना एवं प्रशंसा के लिए मोरारी बापू ने जो आशीर्वाद दिया है और जो सदिच्छा दिखाई है, उसके लिए भारतीय खेल जगत आभारी है।'
देश और दुनिया भर में राम कथा सुनाते हैं मोरारी बापू
मोरारी बापू का कहना है कि उन्हें मन में अपने गुरु एवं दादा त्रिभुवनदास जी से प्रेरणा मिली कि वह भारतीय ओलंपिक दल की प्रशंसा एवं स्वागत करें। 'सत्य, प्रेम और करुणा' का शास्वत संदेश देने के लिए मोरारी बापू देश और दुनिया में 850 से ज्यादा राम कथा सुना चुके हैं। वह अपने संबोधन में राष्ट्र निर्माण एवं पर्यावरण सुरक्षा पर भी जोर देते हैं।