- अमेरिकी ओपन (यूएस ओपन 2020) की मेजबानी के लिए तैयार अमेरिका
- कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है अमेरिका, ऊपर से देश में दंगे भी
- ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी निक किर्गियोस ने फैसले के खिलाफ भड़ास निकाली
न्यूयॉर्क: कोरोना महामारी के दौर में जब दुनिया भर में सब कुछ ठप्प है और खतरे के बीच किसी तरह धीरे-धीरे तमाम देश पटरी पर लौटने का प्रयास कर रहे हैं, इसी बीच कुछ ऐसे भी पक्ष हैं जो नुकसान से बचने के लिए गतिविधियां शुरू कर चुके हैं। खेल जगत भी उन्हीं में से एक है। फुटबॉल के कई टूर्नामेंट शुरू होने के बाद अब बारी थी टेनिस की। साल के अंतिम ग्रैंड स्लैम यूएस ओपन को कराने का फैसला लिया गया है जबकि अमेरिका ना सिर्फ कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है, बल्कि इन दिनों दंगों से भी जूझ रहा है। इस फैसले से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी निक किर्गियोस भड़क गए हैं।
निक किर्गियोस ने कोरोनावायरस महामारी के बावजूद अमेरिका ओपन को आयोजित कराने पर एटीपी की आलोचना की है और उसे स्वार्थी बताया है। किर्गियोस ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए कहा, 'एटीपी अमेरिका ओपन को आयोजित कराने की कोशिश कर रही है। यह इस समय सब कुछ स्वार्थ है। जाहिर तौर पर, मेरे विचार से इस समय न केवल हमें कोरोना से बल्कि दंगों से भी एक साथ निपटने की जरूरत है।'
24 अगस्त से 13 सितंबर के बीच उम्मीद
अमेरिका ओपन ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट का आयोजन 24 अगस्त से 13 सितंबर तक होने की उम्मीद है। एटीपी और अमेरिका टेनिस संघ (यूएसटीए) के आयोजकों ने कहा है कि वे टूर्नामेंट को तय समय पर आयोजित कराना चाहते हैं।
दुनिया के नंबर-1 पुरुष टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविक और स्पेन के राफेल नडाल पहले ही इस टूर्नामेंट में खेलने को लेकर अपनी चिंता जता चुके हैं। जोकोविच ने कहा था कि अमेरिका ओपन में खेलने के लिए जो नियम बनाए गए हैं, वे काफी सख्त हैं।