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35 साल के सुनील छेत्री ने फैंस को किया खुश, अपने संन्‍यास के बारे में की ये घोषणा

Updated Jun 12, 2020 | 07:48 IST

Sunil Chhetri on his future: छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में 15 साल पूरे कर लिए हैं। उन्होंने 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ क्वेटा में एक दोस्ताना मैच के जरिये अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में पदार्पण किया था।

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सुनील छेत्री
मुख्य बातें
  • सुनील छेत्री ने अगले चार-पांच साल खेलने के संकेत देकर फैंस को किया खुश
  • छेत्री को अंतरराष्‍ट्रीय करियर में 15 साल पूरे हो गए हैं
  • भारतीय फुटबॉल टीम के कप्‍तान ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर खुलकर अपने विचार रखे

नई दिल्ली: भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने अगले तीन चार साल और खेलने के संकेत देते हुए कहा कि वह अपने खेल का पूरा मजा ले रहे हैं और अभी संन्यास का कोई इरादा नहीं है। 35 साल के छेत्री के नाम सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय मैचों और गोलों का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है। उन्होंने भारतीय फुटबॉल टीम के फेसबुक पेज पर लाइव चैट में कहा, 'मैं नहीं बता सकता कि कब तक खेलूंगा, लेकिन अपने खेल का पूरा मजा ले रहा हूं और अभी कहीं नहीं जा रहा। मैंने अपनी पत्नी से कहा कि मैं काफी फिट महसूस कर रहा हूं। मैं उदांता और आशिक कुरूनियां (भारत और बेंगलुरू एफसी के साथी) को फर्राटा के लिये चुनौती देने वाला हूं।'

छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में 15 साल पूरे कर लिए हैं। उन्होंने 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ क्वेटा में एक दोस्ताना मैच के जरिये अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में पदार्पण किया था। वह अब तक 115 मैच खेलकर 72 गोल कर चुके हैं। सक्रिय फुटबॉलरों में पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो के बाद उनके सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल हैं और वह लियोनेल मेसी से भी आगे हैं। छेत्री ने कहा, 'देश के लिये 15 साल खेलना खुशकिस्मती है। शायद तीन चार साल और खेल सकूं तो करीब 20 साल हो जायेंगे। किसने सोचा था कि 20 साल तक खेल सकूंगा। यह सपने जैसा है।'

'नस्लवाद खराब , अज्ञानता है वजह

भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने कहा कि नस्लवाद की वजह अज्ञानता है। वह अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद दुनिया भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच नस्लवाद के मसले पर बोल रहे थे। नस्लवाद की घटनाओं के बारे में पूछने पर छेत्री ने कहा, 'दूसरों की तरह मुझे भी इस पर दुख होता है। यह खराब है। कई बार यह अज्ञानता के कारण होता है। लोगों को जानकारी नहीं होती। यदि आपको कोई ऐसा व्यक्ति मिले जो नस्लीय टिप्पणी कर रहा हो तो आपको पता चलेगा कि उसे चीजों की जानकारी ही नहीं है।'

उन्होंने कहा, 'अगर जाति या धर्म के आधार पर किसी को नीचा दिखाया जाता है तो इसके कोई मायने नहीं है। इसमें कोई सच या तर्क नहीं और ऐसा नहीं किया जाना चाहिये।' छेत्री ने कहा कि लोगों को इस मसले पर जितना जागरूक बनाया जायेगा, उतने ही मामले कम होंगे।