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टोक्यो पैरालंपिक: बैडमिंटन में भारत ने मचाया धमाल, प्रमोद भगत ने जीता गोल्ड और मनोज सरकार का ब्रॉन्ज पर कब्जा

Updated Sep 04, 2021 | 17:30 IST

Tokyo Paralympics: भारत ने शनिवार को टोक्यो पैरालिंपिक में धमाल मचा दिया। बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत और मनोज सरकर भारत को मेडल जिताए।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
प्रमोद भगत और मनोज सरकार
मुख्य बातें
  • टोक पैरालंपिक 2020
  • भारत को दो और मेडल मिले
  • भारत ने बैडमिंटन में किया कमाल

टोक्यो: भारत ने शनिवार को टोक्यो पैरालिंपिक में दो मेडल जीतकर कमाल कर दिया। प्रमोद भगत ने पुरुष एकल एसएल3 क्लास के गोल्ड अपने नाम किया। वहीं मनोज सरकर भारत ने इसी स्पर्धा में ब्रॉन्ज पर कब्जा जमाया। प्रमोद नेफाइनल में ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को सीधे सेट से हराकर स्वर्ण हासिल किया। यह भारत को मौजूदा पैरालंपिक में चौथा गोल्ड मेडल है। प्रमोद ने साथ ही इतिहास रच दिया। बैडमिंटन इस साल पैरालंपिक खेलों में डेब्यू कर रहा है। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी 33 वर्षीय प्रमोद इस तरह खेल में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। बता दें कि एसएल3 क्लास में उन खिलाड़ियों को हिस्सा लेने की अनुमति होती है जिनके पैर में विकार हो।

प्रमोद के पास एक और मेडल जीतने का मौका

प्रमोद और बेथेल के बीच योयोगी नेशनल स्टेडियम में 45 मिनट तक फाइनल मुकाबला चला। प्रमोद ने दूसरे वरीय बेथेल को 21-14 21-17 से धूल चटाई। प्रमोद ने जहां गोल्ड जीत लिया और अब वह अभी मिश्रित युगल एसएल3-एसयू5 क्लास में कांस्य पदक की दौड़ में भी बने हुए हैं। भगत और उनकी जोड़ीदार पलक कोहली रविवार को ब्रॉन्ज के प्लेऑफ में जापान के दाईसुके फुजीहारा और अकिको सुगिनो की जोड़ी से टकराएंगे। भगत और पलक की जोड़ी को सेमीफाइनल में इंडोनेशिया की हैरी सुसांतो एवं लीएनी रात्रि आकतिला से 3 - 21, 15 - 21 से हार मिली थी।

पांच वर्ष की उम्र में पोलियो के कारण पैर विकृत

प्रमोद का पांच वर्ष की उम्र में पोलियो के कारण बायां पैर विकृत हो गया था। बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप में पिछले आठ साल में उन्होंने दो स्वर्ण और एक रजत जीते । 2018 पैरा एशियाई खेलों में उन्होंने एक स्वर्ण और एक कांस्य जीता। प्रमोद और मनोज के से पहले शनिवार को भारत के लिए निशानेबाज मनीष नरवाल और सिंहराज सिंह अडाना मेडल हासिल किए। मनीष ने मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच1 निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीता जबकि इसी स्पर्धा में सिंहराज ने रचत जीता।