- बीरेंद्र लाकड़ा सीनियर हॉकी खिलाड़ी हैं
- लाकड़ा एशिया कप में कप्तानी कर चुके हैं
- फरवरी में मृत पाया गया लाकड़ा का दोस्त
नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सीनियर सदस्य रहे बीरेंद्र लाकड़ा पर उनके बचपन के दोस्त आनंद टोप्पो की हत्या में शामिल होने का आरोप मृतक के पिता ने लगाया है। लाकड़ा के दोस्त को फरवरी में भुवनेश्वर में उसके फ्लैट के भीतर मृत पाया गया था। उनके पिता बंधन ने आरोप लगाया है कि राज्य पुलिस लाकड़ा को बचाने की कोशिश कर रही है क्योंकि एक समय वह डीएसपी के पद पर थे। बंधन ने कहा कि पिछले चार महीने से वह एफआईआर दर्ज नहीं करा पा रहे और राज्य पुलिस ने उनकी मदद नहीं की जिससे उन्हें सार्वजनिक रूप से मामला रखना पड़ रहा है।
लाकड़ा एशिया कप में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान भी रहे हैं। बंधन टोप्पो ने पीटीआई से कहा,‘‘हम और बीरेंद्र पड़ोसी हैं और आनंद उसके बचपन का दोस्त था। 28 फरवरी को बीरेंद्र ने हमें फोन किया कि आनंद बेहोश है और वह उसे अस्पताल ले जा रहा है। बाद में उसने कहा कि आनंद नहीं रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने उससे पूछा कि क्या हुआ लेकिन उसने इतना ही कहा कि भुवनेश्वर आ जाओ। हम अगले दिन वहां पहुंचे और हमें स्थानीय पुलिस थाने ले जाया गया जहां अधिकारी ने कहा कि आनंद ने खुदकुशी की है लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।’’
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उन्होंने कहा,‘‘हमें काफी मिन्नतें करने के बाद आनंद का शरीर दिखाया गया। उसके गले पर हाथ के निशान थे और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसे खुदकुशी बताया गया।’’ लाकड़ा हाल ही के वर्षों में हत्या के आरोप का सामना करने वाले दूसरे खिलाड़ी और ओलंपिक पदक विजेता है। इससे पहले पहलवान सागर धनकड़ की हत्या के आरोप में दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार जेल में हैं। आनंद को इंफोसिटी के आयुष रेडियम के फ्लैट नंबर 401 में मृत पाया गया। यह मकान लाकड़ा का है। खबरों में कहा गया है कि लाकड़ा और मनजीत टेटे नामक एक लड़की उस समय वहां मौजूद थी लेकिन मृतक के पिता का कुछ और कहना है।
उन्होंने कहा, ‘‘उस समय फ्लैट में चार लोग थे। एक तीसरा व्यक्ति भी था जिसे बचाया जा रहा है। मैंने एफआईआर दायर करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कहा कि आत्महत्या है। कुछ दिन बाद मैं डीसीपी दफ्तर गया लेकिन चार महीने इंतजार के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मैंने मीडिया के सामने जाने का फैसला किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने बेटे के लिये इंसाफ चाहिये। मुझे ओडिशा पुलिस पर भरोसा नहीं है जो लाकड़ा को बचाने की कोशिश कर रही है। मैं स्वतंत्र जांच चाहता हूं।’’
सूत्रों के अनुसार यह मामला प्रेम त्रिकोण का है। हालांकि लाकड़ा और आनंद दोनों विवाहित थे। यह पूछने पर कि आनंद का मनजीत से कोई रिश्ता था, बंधन ने सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता लेकिन वे भुवनेश्वर में साथ पढ़े थे। अगर ऐसा कुछ होता तो मुझे पता होता। आनंद ने कभी कुछ नहीं बताया।’’ लाकड़ा से लगातार कोशिशों के बावजूद संपर्क नहीं हो सका है। समझा जाता है कि वह बेंगलुरू में राष्ट्रीय शिविर में हैं और पूर्व कप्तान सरदार सिंह के मार्गदर्शन में अभ्यास कर रहे हैं। अब विवाद के चलते उन्हें शिविर छोड़ने के लिये कहा जा सकता है।
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