- राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए ईमेल के जरिये नामांकन आमंत्रित किए
- अप्रैल में शुरू होने वाली प्रक्रिया लॉकडाउन के कारण मई तक खिसकी
- पिछले साल दीपा मलिक और बजरंग पूनिया को खेल रत्न पुरस्कार मिला था
नई दिल्ली: खेल मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन को देखते हुए इस साल राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के दावेदारों से ई-मेल के जरिये नामांकन भेजने को कहा है। दरअसल, मंत्रालय प्रतिष्ठित राजीव गांधी खेल रत्न सहित अन्य खेल अवॉर्ड्स के लिए सिलेक्शन की प्रक्रिया शुरू करने वाला है। आमतौर पर अप्रैल में शुरू होने वाली यह प्रक्रिया लॉकडाउन के कारण मई तक खिसक गई। लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई तक चलेगा।
मंत्रालय के सर्कुलर के अनुसार, 'कोविड-19 के प्रकोप के कारण लॉकडाउन के चलते नामांकन की कागजी प्रति भेजने की जरूरत नहीं है। नामांकन की आवेदक और सिफारिश करने वाले अधिकारियों के हस्ताक्षर वाली स्कैन प्रति आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि से पूर्व भेजी जा सकती है।' नामांकन जमा कराने की अंतिम तारीख 3 जून तय की गई है।
सर्कुलर के अनुसार, 'अंतिम तारीख के बाद मिलने वाले नामांकन पर गौर नहीं किया जाएगा। किसी भी विलंब के लिए मंत्रालय जिम्मेदार नहीं होगा।' राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों में विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाता है। खिलाड़ियों को देश का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार दिए जाते हैं।
कोचिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार दिया जाता है जबकि ध्यान चंद पुरस्कार लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए मिलता है।
इस साल के अर्जुन और खेल रत्न पुरस्कारों के लिए जनवरी 2016 से दिसंबर 2019 तक के प्रदर्शन पर विचार किया जाएगा। हर बार की तरह डोपिंग के दागी खिलाड़ियों या जिनके खिलाफ जांच चल रही है या लंबित है उनके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा। खेल रत्न पुरस्कार विजेता को सात लाख 50 हजार जबकि अर्जुन पुरस्कार विजेता को पांच लाख रुपये की इनामी राशि दी जाती है। पिछले साल पैरालंपियन दीपा मलिक और स्टार पहलवान बजरंग पूनिया को खेल रत्न पुरस्कार मिला था।