- विनेश फोगाट का नाम लगातार दूसरे साल खेल रत्न के लिए भेजा जाएगा
- साक्षी मलिक का नाम अर्जुन पुरस्कार के लिए भेजा जाएगा
- पिछले साल खेल रत्न हासिल करने से चूक गई थीं विनेश
नई दिल्ली: विश्व चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट विनेश फोगाट के नाम की अनुशंसा लगातार दूसरे साल खेल रत्न के लिये की जायेगी जबकि रियो ओलंपिक की कांस्य विजेता साक्षी मलिक अर्जुन पुरस्कार के लिये नामांकित होना चाहती हैं, हालांकि वह पहले ही देश का शीर्ष खेल पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं। कोरोना वायरस के कारण स्थगित तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाली पहली महिला पहलवान विनेश पिछले साल इस पुरस्कार से चूक गयी थी और साथी पहलवान बजरंग पूनिया को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया था।
वह पिछले तीन वर्षों से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और इस दौरान उन्होंने जकार्ता में एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने 2019 में नूर सुल्तान में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया था। इस साल के शुरू में उन्होंने नयी दिल्ली में हुई एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के सहायक सचिव विनोद तोमर ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'हम सोमवार को विनेश का नाम खेल रत्न के लिये भेजेंगे। वह मजबूत दावेदार होंगी। लेकिन हमने अभी अर्जुन पुरस्कार के आवेदन पर फैसला नहीं किया है क्योंकि हमें ज्यादा आवेदन नहीं मिले हैं। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष देखेंगे और फैसला करेंगे कि किसके नाम की अनुशंसा मंत्रालय में की जाये। हमारे पास अब भी तीन जून तक समय है। लेकिन पूरी संभावना है कि नाम कल (सोमवार) तक भेजे जायेंगे।'
डब्ल्यूएफआई के सूत्र ने कहा कि पिछले कुछ समय से फार्म से जूझ रही साक्षी ने अर्जुन पुरस्कार के लिये अपना आवेदन भेजा है। उसे 2016 में जिमनास्ट दीपा करमाकर और निशानेबाज जीतू राय के साथ खेल रत्न मिल चुका है। हाल में वह युवा पहलवान सोनम मलिक से दो बार हार गयी थी जिसने इस शीर्ष एथलीट को एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर के लिये कट हासिल करने से रोक दिया था।
यह देखना दिलचस्प होगा कि डब्ल्यूएफआई उनका नाम भेजता है या नहीं क्योंकि 2019 विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता दीपक पूनिया (86 किग्रा) और प्रतिभाशाली राहुल अवारे (61 किग्रा, गैर ओलंपिक वर्ग) ने भी अर्जुन पुरस्कार के लिये अपने आवेदन भेजे हैं। सूत्र ने कहा, 'रियो ओलंपिक से पहले उसने कुछ हासिल नहीं किया था इसलिये उसका नाम अर्जुन पुरस्कार के लिये नहीं भेजा गया था। लेकिन उसने रियो में कांस्य पदक जीत लिया तो उस समय सीधे ही उसे खेल रत्न मिल गया। अब वह अर्जुन पुरस्कार भी चाहती है।'