नई दिल्ली: भारत के पहलवान रविंदर कुमार पर डोप टेस्ट में नाकाम रहने के कारण राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) ने चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है। रविंदर का नमूना पिछले साल फरवरी-मार्च में जयपुर में 67वीं अखिल भारतीय पुलिस कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान लिया गया था। नाडा ने उन्हें पिछले साल 14 मई को अस्थायी रूप से निलंबित किया था। हालांकि, इस पूरे मामले में उस वक्त भ्रम की स्थिति पैदा हो गई जब नाडा ने रविंदर को विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक विजेता बताया, जबकि ऐसा नहीं था। बाद में नाडा ने अपनी इस चुक पर सफाई दी। यह भ्रम एक जैसे नाम की वजह से फैला।
नाडा के सोशल मीडिया पेज में कहा गया कि डोपिंग में नाकाम रहने वाले पहलवान ने पिछले वर्ष अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता है, लेकिन बाद में यह जानकारी गलत पाई गई क्योंकि रविंदर ने ऐसा कोई पदक नहीं जीता है। दरअसल पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में रविंदर दहिया ने रजत पदक जीता था। रविंदर दहिया ने कहा कि नाडा ने उनका टेस्ट नहीं किया है। रविंदर दहिया ने पीटीआई से कहा, 'मैं वो रविंदर नहीं हूं जिसकर जिक्र नाडा कर रहा है। नाडा ने मेरा टेस्ट नहीं किया है। मैंने वायु सेना में काम किया है पुलिस के साथ नहीं।'
गौरतलब है कि भारतीय खेल जगत में पिछले कुछ समय से डोपिंग के काफी मामले सामने आ रहे हैं। कुछ वक्त पहले नाडा ने भारत की कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप की सिल्वर मेडलिस्ट वेटलिफ्टर सीमा पर डोप टेस्ट में फेल होने के कारण चार साल का प्रतिबंध लगाया था। डोप नमूने विशाखापट्टनम में 34वीं वुमेन नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप के दौरान एकत्रित किए गए थे। सीमा ने 2017 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था।
इससे पहले नाडा ने मुक्केबाज सुमित सांगवान पर प्रतिबंध लगाया था। पूर्व एशियाई सिल्वर मेडलिस्ट सुमित को डोप टेस्ट में फेल होने की वजह से एक साल के लिए प्रतिबंधित किया था। लंदन ओलंपिक 2012 में भाग ले चुके सांगवान पहले 91 किलोवर्ग में खेलते थे। उन्हें ओलंपिक क्वालीफायर ट्रायल खेलना था लेकिन उन पर प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से लागू हो गया।