- गूगल पे पर भारत में किसी तरह का प्रतिबंध आरबीआई ने नहीं लगाया है
- डिजिटल पेमेंट को भारत में रेगुलेट करने वाली संस्था एनपीसीआई ने इस बारे में सफाई दी है
- एनपीसीआई ने कहा है कि गूगल पे से लेन-देन करना पूरी तरह सुरक्षित है
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर लगातार यह ट्रेंड कर रहा था कि गूगल पे पर भारत में प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेकिन यह सच नहीं है। नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई ने इस बारे में सफाई दी है। एनपीसीआई भारत में डिजिटल पेमेंट को रेगुलेट करने वाली संस्था है जिसने यूपीआई यानी यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस को विकसित किया है। जिसका उपयोग विभिन्न गूगल पे, फोन पे और पेटीएम जैसे प्लेटफॉर्म डिजिटल पेमेंट करने के लिए करते हैं।
शुक्रवार सो सोशल मीडिया पर GPayBanned By RBI ट्रेंड कर रहा था। इसके साथ एक न्यूज भी संलग्न थी जिसमें कहा गया था कि गूगल पेमेंट्स सिस्टम ऑपरेटर नहीं है। हालांकि जैसे ही ये खबर सोशल मीडिया पर फैलने लगी वैसे ही एनपीसीआई ने आधिकारिक बयान जारी करके कहा कि गूगल पे ऑथराइज्ड और सुरक्षित है।
पूरी तरह सुरक्षित है गूगल पे से लेनदेन
एनपीसीआई ने गूगल पे के जरिए लेन-देन को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा, आरबीआई ने एनपीसीआई को यूपीआई के पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर(पीएसओ) के रूप में मान्यता दी है। ऐसे में एनपीसीआई पीएसओ के रूप में यूपीआई के सभी भागीदारों को मान्यता देता है। हम एक बात स्रष्ट करना चाहते हैं कि गूगल पे को थर्ड पार्टी एप्प प्रदाता(टीपीएपी) के रूप में वर्गीकृति किया गया है जो कि अन्य की तरह यूपीआई पेमेंट सेवा प्रदाताओं की तरह बैंकिंग साझेदारों और एनपीसीआई के यूपीआई फ्रेमवर्क के अंतर्गत सेवा प्रदान करता है। किसी भी मान्यता प्राप्त टीपीएपी के जरिए जरिए किए जाने वाले सभी तरह का लेन-देन पूरी तरह सुरक्षित है।' एनपीसीआई ने स्पष्टीकरण गुरुवार को जारी कर दिया था बावजूद इसके शुक्रवार को भी हैशटैग लगातार ट्विटर पर ट्रेंड करता रहा।
हाईकोर्ट में दिए आरबीआई के बयान का निकाला गलत मतलब
आरबीआई दिल्ली हाईकोर्ट में अर्थशास्त्री अभिजीत मिश्रा द्वारा दायर उस जनहित याचिका पर अपना जवाब दर्ज करा रहा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि गूगल पे ने वित्तीय लेनदेन आरबीआई से आधिकारिक अनुमति दिए जाने से पहले ही शुरू कर दिया था। अपने जवाब में आरबीआई ने कहा, गूगल पे किसी पेमेंट सिस्टम को ऑपरेट नहीं करता है। इसीलिए इसका नाम आधिकारिक सेवा प्रदाताओं की सूची में नहीं है।' कोर्ट में आरबीआई ने यह भी बताया कि इसीलिए यह किसी कानून का उल्लंघन नहीं है।' आरबीआई के बयान की इस महत्वपूर्ण बात को नजरअंदाज करके गूगल पे के बैन होने की बात कही गई।