- कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण लोगों के मन में डर भी उतनी ही तेजी से बैठ रहा है
- इस मुश्किल घड़ी में सोशल मीडिया पर कई ऐसे मैसेज वायरल हो रहे हैं जिसमें लोगों को पैसे डोनेट करने को कहा जा रहा है
- हैकर्स भी इस दौरान अपने शिकार में बैठे रहते हैं और मौका देखकर कोविड-19 की आड़ में किसी को भी चूना लगा देते हैं
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण लोगों के मन में डर भी उतनी ही तेजी से बैठ रहा है। लोग अपने स्वास्थ्य और अपनी वित्तीय अवस्था को लेकर चिंतित हो रहे हैं। आए दिन मौतों का बढ़ता आंकड़ा उनके मन में अनिश्चितता को बढ़ा रहा है। ऐसे में उनके दिल और दिमाग दोनों से कमजोर होने का खतरा हो जाता है और इसी चीज का लोग फायदा उठा जाते हैं। कोरोना वायरस लॉकडाउन में जहां लोगों को घरों से बाहर निकलने पर सख्त पाबंदी है वे घरों से ही ऑनलाइन तरीके से सारे काम कर रहे हैं। लॉकडाउन में इंटरनेट सबसे बड़ा सहारा बन गया है।
लेकिन इसमें अगर आपने सावधानी नहीं बरती तो आप साइबर क्राइम का शिकार हो जाएंगे। इस मुश्किल घड़ी में सोशल मीडिया पर कई ऐसे मैसेज वायरल हो रहे हैं जिसमें लोगों को पैसे डोनेट करने को कहा जा रहा है। ये मैसेज पूरी तरह से फ्रॉड हैं और इनकी कोई ऑथेंटिसिटी नहीं होती है। इसके अलावा कई हैकर्स भी इस दौरान अपने शिकार में बैठे रहते हैं और मौका देखकर कोविड-19 की आड़ में किसी को भी चूना लगा देते हैं। इतना ही नहीं ऐसी भी खबरें आई कि जिसमें कुछ लोग विश्व स्वास्थ्य् संगठन के फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को फर्जी ईमेल भेज रहे हैं और फिर उनसे मनमानी तौर पर वसूली करने का काम करते हैं।
कोविड-19 के दौर में साइबर क्राइम के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए गूगल ने इस पर बड़ा कदम उठाया है। गूगल ने इंटरनेट यूजर्स को इन फ्रॉड से बचने के लिए उन्हें जागरुक करने का काम शुरू किया है। हाल ही में सर्च इंजन गूगल ने ऐसे लोगों के लिए 5 टिप्स बताए हैं जिसका इस्तेमाल कर आप इस तरह से फ्रॉड का शिकार होने से बच जाएंगे। जानते हैं क्या हैं ये 5 टिप्स-
डायरेक्ट नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन को करें डोनेट
कुछ लोग ऐसे हैं जो केवल पैसों की वसूली के लिए आपको रैंसम ईमेल भेजते हैं। ऐसे में हमारे लिए ये पहचानना मुश्किल हो जाता है कि ये डोनेट करने के लिए सही जगह है या नहीं और इसी उधेड़बुन में कई लोग फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं। हम सभी चाहते हैं कि हम जरूरतमंदों की मदद करें लेकिन अगर उनके नाम पर कोई आपसे धोखाधड़ी कर पैसों की वसूली कर रहा है तो ये क्राइम है। इस क्राइम से बचने के लिए सीधा फंडा अपनाइए कि आप डायरेक्ट उन एनजीओ को डोनेट करिए जो ऑथेंटिक हैं और जो रजिस्टर्ड हैं जो जरूरतमंदों की वास्तव में मदद कर रहे हैं। इसके अलावा ये भी ध्यान रखें कि किसी भी तरह के ईमेल पर आप कोई प्रतिक्रिया ना दें।
जानें कि स्कैमर्स किन तरीकों से आपको निशाना बना रहे
ज्यादातर स्कैमर्स स्पैम मैसेज भेजकर और स्पैम ईमेल्स भेजकर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। पर आजकल व्हाट्सअप पर भी इस तरह के मैसेज आने शुरू हो गए हैं जहां से अपने शिकार को झांसे में लेना उनके लिए और भी आसान हो गया है। इसमें स्कैमर्स आपको आपकी पर्सनल और फाइनांशियल डिटेल्स भरने को कहते है। अगर आपकी नजर ऐसे किसी मैसेज या ईमेल पर पड़ी है तो सबसे पहले आप उस मैसेज की ऑथेंटिसिटी को जानने की कोशिश करें।
अपनी पर्सनल डिटेल्स शेयर करते हुए सावधानी बरतें
रोजाना के ऑनलाइन एक्टिविटीज करते समय आपको बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। आप इस बात की अच्छे से जांच पड़ताल कर लें कि आप किसे अपने पैसे डोनेट कर रहे हैं क्या आपका पैसा सही जगह पर पहुंच रहा है या नहीं। आप उस कंपनी या उस ग्रुप या फिर उस ऑर्गानइजेशन को एक बार गूगल कर जांच पड़ताल करने की कोशिश करें।
सोर्स को चेक करें
स्कैमर्स की सबसे बड़ चालाकी ये होती है कि वे जाने-माने और विश्वसनीय अधिकारियों का नाम लेकर आपको झांसे में लेने की कोशिश करते हैं। अगर आपको ऐसी कोई भी मैसेज या ईमेल आती है जो किसी विश्वसनीय सरकारी सूत्रों की तरफ से आई हुई प्रतीत होती है तो आप सीधे भारत सरकार की स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर कोविड-19 से जुड़े लेटेस्ट अपडेट लेने की कोशिश करें उसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचें।
किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले दो बार सोचें
बहुत सारे ईमेल या मैसेज ऐसे होते हैं जहां पर एक लिंक दिया होता है जिस पर आपको क्लिक करने या फिर एक्शन करने को कहा जाएगा। ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले आप विवेक से 2 बार सोचें। ऐसी परिस्थिति में आप उनके यूआरएल पर ध्यान दें कहीं उसमें कोई मिस्टेक तो नहीं है यहीं से आपको सारी कहानी पता चल जाएगी।