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समुद्र के नीचे ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाएगी सरकार, 11 द्वीपों पर मिलेगा तेज इंटरनेट

Updated Dec 09, 2020 | 19:30 IST

सरकार देश भर में इंटरनेट का जाल बिछाने के लिए कमर कस चुकी है। देश के 11 द्वीपों पर तीव्र गति वाले ब्रॉडबैंड सेवा पहुंचाने के लिए समुद्र में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाएगी।

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ऑप्टिकल फाइबर (तस्वीर सौजन्य-Pixabay)

नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को कोच्चि और लक्षद्वीप को जोड़ने के लिए समुद्रतल में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की मंजूरी दी, जिसकी लागत 1,072 करोड़ रुपए होगी। केंद्रीय कैबिनेट ने इस परियोजना को मंजूरी दी और इसके तहत कोच्चि और लक्षद्वीप के 11 द्वीपों में तीव्र गति वाले ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करने के लिए प्रत्यक्ष संचार संपर्क स्थापित किया जाएगा। इन द्विपों में कवारत्ती, कलपेनी, अगाति, अमिनी, एंड्रोथ, मिनिकॉय, बांगरम, बितरा, चेतलत, किल्टान और कदमत शामिल हैं।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 1,072 करोड़ रुपए है, जिसमें पांच वर्षों के लिए परिचालन व्यय भी शामिल है। परियोजना को सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि (यूएसओएफ) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। इस परियोजना के मई 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी और दूरसंचार सलाहकार इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) को तकनीकी सलाहकार के रूप में नामित किया गया है। बयान के मुताबिक परियोजना की परिसंपत्ति का स्वामित्व दूरसंचार विभाग के तहत वित्त पोषक एजेंसी यूएसओएफ के पास होगा।

बयान में कहा गया कि दूरसंचार संपर्क रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समुद्रतल में ऑप्टिकल फाइबर केबल संपर्क के प्रावधान की स्वीकृति से लक्षद्वीप में बड़े पैमाने पर बैंडविड्थ प्रदान करके दूरसंचार सुविधा में सुधार होगा।

इस परियोजना से नागरिकों को ई-प्रशासन के तहत बेहतर सेवाएं मिलेंगी और मछली पालन के संभावित विकास, नारियल आधारित उद्योगों और पर्यटन, दूरस्थ शिक्षा तथा दूरस्थ चिकित्सा सुविधाओं में इजाफा होगा।