- इस साझेदारी से ये उम्मीद है कि Jio के 5G क्षमता को विस्तार में मदद मिलेगी
- 6G के लिए डेवलपमेंट के लिए भी रिसर्च किए जाएंगे
- 6G रिसर्च और कैपेबिलिटीज में अर्ली इन्वेस्टमेंट से 5G में जियो लैब की कैपेबिलिटीज को फायदा होगा
Reliance इंडस्ट्रीज के एक यूनिट Jio Estonia ने और फिनलैंड बेस्ड यूनिवर्सिटी ऑफ औलू ने 6G टेक्नोलॉजी के विकास के साथ-साथ उद्यमिता को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए एक एग्रीमेंट साइन किया है। यूनिवर्सिटी के साथ इस साझेदारी से ये उम्मीद है कि Jio के 5G क्षमता को विस्तार में मदद मिलेगी और 6G के लिए डेवलपमेंट के लिए भी रिसर्च किए जाएंगे।
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिवर्सिटी और रिलायंस जियो ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि इस साझेदारी से एरियल और स्पेस कम्युनिकेशन, होलोग्राफिक बीमफॉर्मिंग, साइबरसिक्योरिटी, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक और फोटोनिक्स में 3D कनेक्टेड इंटेलिजेंस सहित कई क्षेत्रों में उद्योग और अकादमिक दोनों से विशेषज्ञता के विश्व स्तरीय पूल को एक साथ लाकर उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
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दोनों ने कंपनियों ने एक जॉइंट स्टेटमेंट में कहा कि, 5G डेटा नेटवर्क्स के लिए तेज स्पीड, लोवर लेटेंसी और ग्रेट कैपेसिटी इनेबल करता है। साथ ही 5G बड़े पैमाने पर मशीन-टाइप कम्युनिकेशन्स और नेटवर्क स्लाइसिंग के जरिए वर्चुअल नेटवर्क डिप्लॉयमेंट को पॉसिबल करने में भी मदद करता है। 6G 5G के ऊपर बनता है। ये दोनों मौजूद रहेंगे और कंज्यूमर और एंटरप्राइज दोनों के काम आएंगे।
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जियो प्लेटफॉर्म्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट आयुष भटनागर ने कहा कि यूनिवर्सिटी ऑफ औलू के साथ 6G रिसर्च और कैपेबिलिटीज में अर्ली इन्वेस्टमेंट से 5G में जियो लैब की कैपेबिलिटीज को फायदा होगा और 6G भी अस्तित्व में आ सकेगा।