- जियो घरेलू 5G सोल्यूशन विकसित करने में लगी है
- अगले साल 5G स्पेक्ट्रम उपलब्ध होगा, तब टेस्ट किया जाएगा
- जियो का विश्वस्तरीय 4G और फाइबर नेटवर्क कई सॉफ्टवेयर टैक्नोलॉजी से संचालित होता है
Jio 5G solution : एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने बुधवार (15 जुलाई) को कई बड़े ऐलान किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि ग्रुप की डिजिटल यूनिट जियो घरेलू 5G सोल्यूशन बनाने में लगी है। उन्होंने कहा कि जियो ने जीरो से शुरू कर पूरी तरह अपना 5G सोल्यूशन डिजाइन और डवलप किया है। यह टेस्ट के लिए तैयार है। अगले साल जितने जल्दी 5G स्पेक्ट्रम उपलब्ध होगा उतनी ही जल्दी हम इसका प्रयोग के तौर पर टेस्ट शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि जियो का विश्वस्तरीय 4G और फाइबर नेटवर्क विभिन्न सॉफ्टवेयर टैक्नोलॉजी और उपकरणों से संचालित होता है। जियो की यह क्षमता उसे एक और अन्य एडवांस टैक्नोलॉजी 5G के लिए लीडिंग पोजिशन में रखती है।
अगले तीन साल में जियो के होंगे 50 करोड़ ग्राहक
रिलायंस चीफ ने कहा कि अगले तीन साल में जियो के मोबाइल ग्राहकों की संख्या करीब 50 करोड़ होगी। साथ ही जियो करीब एक अरब स्मार्ट सेंसर और पांच करोड़ घरों और कारोबारी प्रतिष्ठानों को भी अपने नेटवर्क से जोड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमने डिजिटल कनेक्टिविटी की वृद्धि के 5 प्रमुख सेक्टर मोबाइल ब्रॉडबैंड, जियो फाइबर, जियो व्यापारिक प्रतिष्ठान ब्रॉडबैंड, लघु उद्यमों के लिए ब्रॉडबैंड और जियो की नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स सेवा को पूरी तरह शुरू कर दिया है।
अंबानी ने कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स ने 20से अधिक स्टार्टअप कंपनियों के साथ मिलकर 4G, 5G, क्लाउड कंप्यूटिंग, उपकरण और ऑपरेटिंग सिस्टम्स, बिग डाटा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉकचेन, स्वभाविक तरीके से भाषा की समझ और कंप्यूटर दृष्टिकोण इत्यादि टैक्नोलॉजी से जुड़ी विश्वस्तरीय क्षमताओं को विकसित किया है।
विभिन्न सेक्टर के लिए सोल्यूशन उपलब्ध कराएंगे अंबानी
अंबानी ने कहा कि इन टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर हम मीडिया, वित्तीय सेवा, नए कॉमर्स (ई-कॉमर्स), एजुकेशन, हेल्थ, कृषि, स्मार्ट सिटी, स्मार्ट विनिर्माण और स्मार्ट परिवहन जैसे विभिन्न सेक्टर के लिए सोल्यूशन उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स ने मौलिक बौद्धिक संपदा अधिकार पर आधारित विकास के दृष्टिकोण को अपनाया है। इसका उपयोग कर हम पहले भारत और बाद में दुनियाभर में विभिन्न इकोसिस्टम के लिए बदलती टैक्नोलॉजी की शक्ति का प्रदर्शन कर सकते हैं।