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PROSIT ऐप करेगा मेंटल हेल्थ को ट्रैक, ऐसे करेगा डिप्रेशन से आपकी सुरक्षा

Updated Jul 20, 2020 | 20:26 IST

Track Mental Health: मानसिक स्वास्थ्य को ट्रैक करने के लिए शोधकर्ताओं ने एक ऐप बनाया है। इस ऐप के जरिए लोगों में चिंता और डिप्रेशन जैसी कई मानसिक स्थितियों का पता लगाया जा सकता है। 

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PROSIT ऐप करेगा मेंटल हेल्थ को ट्रैक
मुख्य बातें
  • व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को ट्रैक करता है PROSIT App।
  • जानिए कैसे इसे इस्तेमाल कर व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को ट्रैक कर सकते हैं।
  • जानें इस ऐप के फीचर के बारे में।

मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समय के साथ काफी सजग हो गए हैं। डिप्रेशन, एंग्जाइटी, तनाव जैसी समस्याएं इन दिनों लोगों के बीच आम है। विशेषज्ञों के मुताबिक इन समस्याओं से निजात पाने के लिए बहुत जरूरी है मानसिक स्थिति को समझना। अब इन्हीं समस्याओं ने राहत दिलाने के लिए एक ऐप बनाया गया है। यह ऐप व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को ट्रैक करता है। इस ऐप का नाम  PROSIT है।  इसे डलहौजी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है, साथ ही यह ऐप को व्यक्ति के फोन में इस्तेमाल कर के उसके मानसिक स्वास्थ्य को ट्रैक करता है।

इस ऐप में एक्सरसाइज, नींद, कॉल फ्रीक्वेंसी, मैसेज हिस्ट्री और म्यूजिक टेस्ट जैसी ट्रैकिंग फीचर शामिल हैं। भावनात्मक रूप से आवेशित अवस्था का पता आपकी टाइपिंग गति और आपके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बल से लगाया जा सकता है। यह ऐप यूजर्स को सप्ताह के बेस्ट और एक्साइटिंग  भाग के बारे में बात करने के लिए एक 90 सेकंड की ऑडियो क्लिक रिकॉर्ड करने के लिए कहेगा। PROSIT फिलहाल टेस्टिंग स्टेज पर है जहां लगभग 300 लोग इस ऐप का उपयोग कर रहे हैं। यूजर्स में आधे मरीज शामिल हैं।

इस ऐप से प्राइवेसी को नहीं है कोई खतरा
ऐप की गोपनीयता को लेकर यूजर्स अक्सर परेशान रहते हैं और इस बारे में डेवलपर अच्छी तरह से जानते हैं। ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए एप्लिकेशन के सहमति पर साइन्ड करने की जरूरत होती है और डेटा सुरक्षित स्टोर कर लिए जाएंगे। बता दें कि PROSIT किसी के मानसिक स्वास्थ्य का संपूर्ण विश्लेषण प्रदान नहीं करता है, लेकिन मनोवैज्ञानिक ट्रैक के लिए उपयोगी साबित हो सकता है और साथ ही सेशन से अलग अपने मरीजों के विकास को बेहतर ढंग से समझ सकते है।

वहीं दुनियाभर में कोरोना महामारी के कारण मानसिक स्वास्थ्य के मामलों में वृद्धि देखी गई है। इस महामारी ने लोगों के जिंदगी को अस्प व्यस्त कर दिया है। ऐसी मुश्किल परिस्थिति में प्रोफेशनल से लेकर पर्सनल लाइफ तक पर प्रभाव देखने को मिला है। शोधकर्ताओं के मुताबिक कोरोना वायरस का असर मानसिक स्वास्थ्य पर लंबे समय तक रहेगा।