मुंबई: महाराष्ट्र साइबर जो महाराष्ट्र में साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध जांच के लिए नोडल एजेंसी है उसने व्हाट्सएप यूजर्स को व्हाट्सएप अकाउंट की हैकिंग के बारे मे सचेत किया है। उसने हैकर्स के काम करने के तरीकों के बारे में भी बताया है कि वो कैसे व्हाट्सएप अकाउंट को हैक कर रहे हैं जिससे व्हाट्सएप यूजर्स की प्राइवेसी को खतरा तो है ही साथ ही उन्हें ब्लैकमेल करके पैसा भी वसूला जा रहा है।
हैकर्स व्हाट्सएप अकाउंट हैक करने और फिर उन्हें जबरन वसूली के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। किसी व्यक्ति के व्हाट्सएप अकाउंट तक पहुंचने के बाद, साइबर अपराधी उसे अपने कांटेक्ट या उनसे जुड़े ग्रुप्स को अश्लील चित्र भेजने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते हैं। महाराष्ट्र साइबर ने कहा, "कई केसों में देखा गया है कि जिसमें हैकर व्हाट्सएप ग्रुपों पर नग्नता से जुड़े फोटो पोस्ट करता है, जिसमें पीड़ित सदस्य होता है।" इसके अलावा, बदमाश पीड़ित के संपर्कों से पैसे मांगने के लिए हैक खाते तक अपनी पहुंच का लाभ उठा सकते हैं।
व्हाट्सएप हैकर्स के काम करने के तरीके
जब कोई व्हाट्सएप यूजर अपना फोन बदलता है, तो उसे यह सत्यापित करना होगा कि नया डिवाइस उसके मोबाइल नंबर से जुड़ा हुआ है। यह व्हाट्सएप सत्यापन कोड के माध्यम से किया जाता है। हैकर उपयोगकर्ता के मोबाइल नंबर को जानता है और हमलों की यह पूरी श्रृंखला एक व्यक्ति (मि.पी.) के साथ शुरू होती है। यदि मि.पी. अपना व्हाट्सएप सत्यापन कोड साझा करते हैं, तो वह हैकर को अपने खाते तक पहुंच प्राप्त करने की अनुमति देता है।
एक बार जब मि.पी. का खाता हैक हो जाता है, तो हैकर को अपने सभी संपर्कों के साथ-साथ ग्रुपों तक भी पहुँच मिलती है। इसके बाद एक चेन रिएक्शन शुरू होता है। यह जानकर कि मि. के. मिस्टर पी. की सूची में सबसे अधिक संपर्क वाला व्यक्ति है, हैकर मिस्टर पी का प्रतिरूपण करता है और मि. के को आश्वस्त करता है कि उसका व्हाट्सएप सत्यापन कोड उस तक नहीं पहुंच रहा है, इसलिए उसने कोड को मिस्टर के. के फोन पर भेज दिया है। मिस्टर के. उस जाल में फंस जाते हैं बिना ये सोचे कि यह उसका अपना सत्यापन कोड है। जैसे ही वह कोड साझा करता है, हैकर उसका खाता भी हैक कर देता है।