नई दिल्ली : धरती पर एक से एक अजूबे मौजूद हैं। इसी तरह की एक अजूबा पेरू की धरती पर मिला है। यहां के पुरतत्वविदों के पेरू के दक्षिणी रेगिस्तानी इलाके नाज्का लाइन की पहाड़ी पर 37 मीटर लंबी बिल्ली का एक रेखाचित्र मिला है। बताया जाता है कि यह रेखाचित्र 200 बीसी एवं 100 बीसी के बीच बना है। बिल्ली का विशालकाय रेखाचित्र देखकर लोग दंग हैं। यह विचित्र रेखाचित्र सामने आने के बाद पुरातत्व विभाग इसका संरक्षण करने में जुटा है। नाज्का लाइन पर बंदिर सहित अन्य जानवरों के रेखाचित्र पहले भी मिल चुके हैं।
पुरातत्वविभाग को बिल्ली का यह रेखाचित्र उस समय मिला जब वह नाज्का लाइन पर लोगों के लिए एक जगह का निर्माण कर रहा था। नाज्का लाइंस को यूनेस्को 1994 में विरासत घोषित कर चुका है। नाज्का लाइंस पर सैंकड़ों ज्यामितीय एवं जानवरों से जुड़े रेखाचित्र मौजूद हैं। पेरू के संस्कृति मंत्रालय ने पिछले सप्ताह एक बयान में कहा, 'बिल्ली का यह रेखाचित्र मुश्किल से दिखता है और यह विलुप्त हो सकता है क्योंकि यह पहाड़ी के ढलान वाले हिस्से पर बना है। पहाड़ी का यह हिस्सा प्राकृतिक क्षरण के प्रभाव में आ सकता है।'
बयान के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में बिल्ली के इस रेखाचित्र को और स्पष्ट करते हुए उसे संरक्षित किया गया है। रेखाचित्र में इस बिल्ली की लंबाई 37 मीटर लंबी है जबकि रेखा की चौड़ाई 30 सेंटीमीटर से 40 सेंटीमीटर के बीच है। पेरू के मुख्य पुरातत्ववेत्ता जॉनी एस्ला ने स्पेन की न्यूज एजेंसी एफे से बातचीत में कहा, 'यह काफी मजेदार है कि हमें अभी भी नए रेखाचित्र मिल रहे हैं। हम यह भी जानते हैं कि यहां पर इस तरह की अभी और चीजें मिलेंगी।' उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में हमें तस्वीरें खींचने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने की अनुमति मिली है। इस्ला का कहना है कि नाज्का एवं पाल्पा वैली में पिछले कुछ सालों में 80 से 100 नई आकृतियां मिली हैं।